कविता : हम भी तो हैं....

अर्चना शर्मा
जब भी आंखें खोलतीं हूं, नन्हे-नन्हे सपने बुनती हूं,
उन्हें साकार करने के लिए, छोटे छोटे कदम बढ़ाती हूं,
कभी आकाश बनकर ,तो कभी धरती बनकर समाज को सींचती हूं 
हूं शक्ति का एक रूप फिर भी, अबला कहलाती हूं 
ज़िन्दगी के हर रंग में हूं मैं मौजूद, 
फिर भी कहने को हूं मज़बूर ...... हम भी तो हैं.... 
 
चित्र सौजन्य : अर्चना शर्मा

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश

वॉर की खबरें सुनकर बढ़ रहा है डिप्रेशन और स्ट्रेस? एक्सपर्ट से जानें इस सेकंडहैंड ट्रॉमा से कैसे बचें

घर के चिराग के लिए 'प्र' से शुरू होने वाले नाम और उनके अर्थ, हर नाम है एक से बढ़ कर एक

गर्मी में फटे होठों के लिए बेस्ट है ये होममेड लिप बाम, जानिए बनाने का तरीका

सिर दर्द को मिनटों में दूर करेंगे ये 5 योगासन, जानिए इन्हें करने का आसान तरीका

सभी देखें

नवीनतम

टीचर और स्टूडेंट का चटपटा लाजवाब जोक : अच्छे लोग, बुरे लोग

Buddha Quotes: जीवन बदल देंगे आपका, गौतम बुद्ध के 10 प्रेरक विचार

बुद्ध जयंती पर इन सुंदर शब्दों में दें अपनी शुभकामनाएं, पढ़ें 10 प्रेरणादायी संदेश

भारत का अद्भुत पराक्रम

गर्मियों में आइस एप्पल खाने के फायदे, जानें क्यों कहलाता है सुपरफ्रूट

अगला लेख