हिन्दी कविता : अयोध्या में राम आए हैं

डॉ. रामकृष्ण सिंगी
घर-घर वंदनवार सजाओ।
घर के आंगन सजाओ रांगोली।
अयोध्या में राम आए हैं। 
 
दीये लगाओ, आरती उ‍तारो।
आज खेलों गुलालों की होली।
अयोध्या में राम आए हैं। 
 
साध हुई बरसों की पूरी।
प्रभु ने भर दी अरमानों की झोली।
अयोध्या में राम आए हैं। 
 
नाचे मोर, पपीहा गाएं।
मीठी लागे कोयलिया की बोली।
अयोध्या में राम आए हैं। 
 
आगे रथ पर राम-लखन हैं।
पीछे-पीछे सियारानी की डोली। 
अयोध्या में राम आए हैं। 
 
घर-घर बाजे आज बधाई।
मगन नाचे युवाओं की टोली।
अयोध्या में राम आए हैं। 
 
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