श्रद्धा-सुमन सुषमा-जेटली की स्मृति में

डॉ. रामकृष्ण सिंगी
मोदी के कर्मठ महाकाश के 
टूट गए सितारे दो।  
भारत के दो उज्ज्वल नक्षत्र,
कर्मक्षेत्र के उजियारे दो।। 
 
भारत की कूटनीति की सुषमा,
आंतरिक राजनीति की अरुणाई।  
मध्दिम हुई इन आकस्मिक झटकों से,
अनगिन आंखें भर आईं।।
 
दो गहरे चिंतक, कुशल प्रवक्ता,
पोषक उज्ज्वल आदर्शों के। 
राजनीति की दुर्गंधी गलियों में,
सुखद बयार से, वर्षों के।।
 
सचमुच यह अपूरणीय क्षति है 
देश के राजनीतिक जीवन की।।
उनके पथ पर चलकर ही,
सच्ची सेवा होगी जन-गण-मन की।।

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