गीता जयंती के अवसर पर जानिए देश और दुनिया में श्रीकृष्ण से जुड़े संगठनों के नाम

WD Feature Desk
शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024 (14:30 IST)
Geeta Jayanti 2024: प्रत्यके मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती मनाते हैं। इस साल 11 दिसंबर 2024 बुधवार को गीता जयंती की 5161वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस दिन को मोक्षदा एकादशी भी कहते हैं। हिंदुओं का प्रमुख धर्मग्रंथ गीता है। गीता के प्रसार प्रसार में लगे देशभर में कई संगठन हैं। आओ जानते हैं उनमें से कुछ के नाम। नए शोधानुसार 3112 ईसा पूर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। ALSO READ: गीता जयंती पर मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने के फायदे के साथ जानें उपवास रखने के नियम
 
1. इस्कॉन मिशन: विश्‍व की लगभग 60 से ज्यादा भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है। अन्तर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कान) के संस्थापक तथा हरे राम हरे कृष्ण आन्दोलन के प्रवर्तक श्रील प्रभुपाद के विश्वप्रसिद्ध गीता-भाष्य- 'श्रीमद्भागवत गीता यथा रूप' का दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रचार प्रसार होता रहा है। इस संगठन के माध्यम से विश्वभर में गीता को पढ़ा जाने लगा है। 
 
2. चिन्मय मिशन: स्वामी चिन्मयानन्द जी ने इस संगठन की स्थापना की थी। स्वामी जी ने उपनिषद्, गीता और आदि शंकराचार्य के 35 से अधिक ग्रंथों पर व्याख्यायें लिखीं। गीता पर लिखा उनका भाष्य सर्वोत्तम माना जाता है। यह मिशन गीता पर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता भी करवाता है। www.chinmayamission.com पर जाकर आप गीता पढ़ने, सीखने और समझने के साथ प्रतियोगिता में भी भाग ले सकते हैं। 
 
3. महर्षि अरविंद मिशन: महर्षि अरविंद घोष को जेल में श्रीकृष्‍ण के दर्शन हुए थे। उसके बाद से ही उन्होंने अध्यात्म का रास्ता अपनाया और उन्होंने गीता की व्याख्या करके उसके प्रचार प्रसार में ही अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया। आज उनका संगठन इस कार्य को आगे बढ़ा रहा है। ALSO READ: गीता जयंती 2024: गीता के प्रति क्यों अब विदेशी भी होने लगे हैं आकर्षित?
 
4. वैष्णव संप्रदाय के उप संप्रदाय : वैष्णव के बहुत से उप संप्रदाय हैं- जैसे बैरागी, दास, रामानंद, वल्लभ, निम्बार्क, माध्व, राधावल्लभ, सखी, गौड़ीय आदि। ये सभी गीता के प्रचार प्रसार में लगे हैं।
 
5. गीताप्रेस गोरखपुर : यह संगठन हिंदू धर्म के पुराण, महाभारत, रामायण और गीता को छापने और प्रचार प्रसार का कार्य करता है। गीताप्रेस ने अब तक गीता के कई संस्करण निकाल दिए हैं। ALSO READ: फॉरेन कंट्री के ज्यादातर लोग श्री कृष्ण के भक्त क्यों होते हैं श्री राम के क्यों नहीं?
 
6. गीता-भागवत प्रचार सेवा : यह संगठन कृष्णतत्त्ववेत्ता श्रीतेजस्वी दास जी द्वारा स्थापित एक आध्यात्मिक संस्था या संगठन है जोकि श्रीमद्भगवद्गीता एवं श्रीमद्भागवत पुराण के ज्ञान और पुस्तक को नि:शुल्क प्रदान करता है।
 
7. गीता परिवार : कांची कामकोटि पीठ के प.पू. शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी महाराज एवं पूज्य स्वामी श्री सत्यमित्रानंदजी महाराज के शिष्य पूज्य स्वामी श्री गोविंददेवगिरिजी महाराज (पूर्वाश्रम के आचार्य श्री किशोरजी व्यास) ने इस संगठन की स्थापना की है। पिछले कई सालों से यह संगठन श्रीमद्भागवत गीता और पुराण का देश तथा विदेशों में प्रचार कर रहे हैं। यह संगठन चिन्मय मिशन की तरह गीता प्रतियोगिता का आयोजन भी करता है। https://www.learngeeta.com पर जाकर आप गीता के संपूर्ण पाठ को सीख सकते हैं। ALSO READ: गीता का 5161वां वर्षगांठ उत्सव चल रहा है, जानिए 7 खास बातें
 
8. भगवद गीता रिसर्च फाउंडेशन : इस संगठन इंग्लैंड और वेल्स में चैरिटी कमीशन में एक चैरिटी के रूप में पंजीकृत है जो किसी भी व्यक्ति या संगठन से कोई दान स्वीकार नहीं करता है। इसका उद्देश्य लोगों के बीच गीता की समझ को बढ़ाना है। उत्कृष्ट पुस्तक भगवद गीता के सिद्धांतों और शिक्षाओं के अध्ययन और अभ्यास के माध्यम से देश और दुनिया में आपसी सम्मान, सहिष्णुता और विनम्रता की भावना को बढ़ाना है। 

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