श्रावण अधिक प्रदोष का व्रत करने की विधि और 5 फायदे

Webdunia
Sawan Ka Teesra Pradosh Vrat 2023 : वर्ष 2023 में सावन अधिक मास का प्रदोष व्रत 13 अगस्त, दिन रविवार को पड़ रहा है। इस बार सावन में चार प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं। और यह सावन का तीसरा प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

सावन माह और प्रदोष तिथि भगवान भोलेनाथ को समर्पित होने के कारण इस दिन शिव जी का पूजन-अर्चन शाम के समय प्रदोष काल में भी किया जाता है। इस बार अधिक/ पुरुषोत्तम मास होने के कारण श्रीहरि नारायण और माता लक्ष्म‍ी का ध्यान और पूजन अवश्य करना चाहिए, इससे शिव जी के साथ-साथ उनकी भी कृपा प्राप्त होती है। 
 
आइए यहां जानते हैं पूजन की सरल विधि और इस व्रत के 5 फायदों के बारे में- 
 
प्रदोष व्रत करने की विधि : Pradosh Puja Vidhi 
 
- श्रावण अधिक प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें। 
- इस दिन यदि संभव है तो व्रत-उपवास करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। अत: शिव-पार्वती जी के साथ-साथ श्री गणेश की पूजा करें। 
- भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
- तत्पश्चात उन्हें आक के फूल, बेलपत्र, धूप, दीप अक्षत, रोली, मिठाई और अन्य पुष्प आदि सभी चीजें अर्पित करें।
- मां पार्वती को चुनरी और सुहाग सामग्री चढ़ाएं। 
- भगवान शिव की आरती करें। 
- भगवान शिव को सात्विक चीजों का भोग लगाएं। 
- इस दिन भगवान शिव जी का अधिक से अधिक ध्यान तथा उनके मंत्रों का जाप करें।
- प्रदोष काल में पुन: स्नान करके भगवान शिव का मां पार्वती जी के साथ पूजन करें।
- प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें।
- इसके बाद फलाहार ग्रहण करें।
 
13 अगस्त 2023, रवि प्रदोष व्रत, पूजन समय- Pradosh vrat puja time 
अधिक सावन त्रयोदशी का प्रारंभ- 13 अगस्त, रविवार को 08.19 ए एम से शुरू, 
समापन- 14 अगस्त, सोमवार को 10.25 ए एम पर होगा।
प्रदोष पूजन का शुभ मुहूर्त- 07.03 पी एम से 09.12 पी एम
कुल अवधि- 02 घंटे 09 मिनट्स
 
प्रदोष व्रत के फायदे- Pradosh vrat benefits
 
1. इस व्रत से जीवन में हमेशा धन, सुख-समृद्धि बनी रहती है। तथा शत्रु का विनाश और सभी संकट दूर हो जाते हैं।
 
2. अधिक सावन मास का प्रदोष व्रत करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। शत्रु तथा ग्रह बाधा दूर होकर ग्रहों की शांति और शुभफल मिलते हैं।  
 
3. सावन मास के प्रदोष तिथि पर मात्र फलाहार लेने से चंद्र दोष से प्राप्त होने वाले बुरे प्रभाव नष्‍ट होकर नकारात्मकता दूर होती है। 
 
4. प्रदोष व्रत में भगवान शिव जी का उनके परिवार सहित पूजन करने से भाग्य जागृत होता है तथा पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
 
5. प्रदोष व्रत परम कल्याणकारी होने के कारण सावन का प्रदोष व्रत रखना बहुत ही शुभ तथा वैवाहिक जीवन के सभी सुख, संतान प्राप्ति, आर्थिक संकटों से मुक्ति तथा घर में माता अन्नपूर्णा का वास होकर घर धन-धान्य से भरा रहता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ALSO READ: अधिक मास का कृष्ण प्रदोष व्रत रखने के क्या है नियम, कौन से उपाय करने से मिलेगी जीवन में शांति?

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

अगला लेख