Vastu Tips : कब सोएं और उठें, किस करवट सोने से होगा क्या नुकसान?

अनिरुद्ध जोशी
शनिवार, 16 मार्च 2024 (16:55 IST)
Sleep rule in hinduism: हमने पहले बताया कि किस दिशा में पैर करके सोना चाहिए और घर की कौनसी दिशा सोने के लिए उचित है। अब जानिए कि शास्त्रों के अनुसार कब सोना चाहिए और कब उठना चाहिए। इसी के साथ ही किस करवट सोने से क्या नुकसान होता है और औंधा सोने या चित सोने से क्या होता है। आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानाकरी।
 
क्या है शास्त्रोक्त शयन विधि: 
  1. रात्रि के पहले प्रहर में सो जाना चाहिए और अंतिम प्रहर में उठ जाकर संध्यावंदन करना चाहिए।
  2. रात्रि 7 से 9 के बीच प्रथम प्रहर और रात 3 से सुबह के 6 बजे के बीच अंतिम प्रहर होता है।
  3. अधिकतर लोग रात्रि के दूसरे प्रहर यानी 9 से 12 के बीच सोते हैं जिसे निशिथ प्रहर कहते हैं।
  4. विद्वानों के अनुसार युवाओं को रात 10 बजे सोना और 4 बजे उठाना चाहिए। अन्य को 6 बजे उठ जाना चाहिए।
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किस करवट सोएं?
अर्थात बाईं करवट सोना स्वास्थ्य के लिए हितकारी है, शास्त्रीय विधान भी है। आयुर्वेद में 'वामकुक्षि' की बात आती है। शरीर विज्ञान के अनुसार चित सोने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान होता है और औंधा सोने से आंखें कमजोर होने लगती हैं। हमें शवासन में सोना चाहिए इससे आराम मिलता है कभी करवट भी लेना होतो बाईं करवट लें। बहुत आवश्यक हो तभी दाईं करवट लें। सिर को हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में रखकर ही सोना चाहिए। पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोने से लंबी उम्र एवं अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
 
सोने समय करें ये कार्य : सोते समय ईष्टदेव को याद करना चाहिए। उनका 108 बार नाम लेने से 7 प्रकार के भय दूर होते हैं। उठते वक्त 8 कर्मों को दूर करने के लिए ईष्टदेव की 1 माला करें।
 
सोते समय : 
 

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