Narmada nadi : नर्मदा नदी के विपरीत दिशा में बहने का कारण जानकर आप रह जाएंगे हैरान

WD Feature Desk
गुरुवार, 23 मई 2024 (17:25 IST)
Narmada river facts: नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा है, परंतु इसका अधिकतर भाग मध्यप्रदेश में ही बहता है। अमरकंटक से निकलकर ये गुजरात खंभात की खड़ी में यह मिल जाती है। अमरकंटक में कोटितार्थ मां नर्मदा का उद्गम स्थल है। यहां सफेद रंग के लगभग 34 मंदिर हैं। यहां नर्मदा उद्गम कुंड है, जहां से नर्मदा नदी का उद्गम है जहां से नर्मदा प्रवाहमान होती है।
ALSO READ: Narmada nadi : नर्मदा नदी के 6 सबसे खूबसूरत घाट, जहां जाकर मन हो जाएगा प्रफुल्लित
देश की सभी नदियों की अपेक्षा नर्मदा विपरीत दिशा में बहती है। नेमावर के आगे ओंकारेश्वर होते हुए ये नदी गुजरात में प्रवेश करके खम्भात की खाड़ी में इसका विलय हो जाता है। दरअसल नर्मदा नदी के उल्टी दिशा में बहने का मुख्य कारण 'रिफ्ट वैली' है। रिफ्ट वैली दरार वाली घाटी होती है जिसके कारण नदी का बहाव ढलान के विपरीत दिशा में होता है। इसी ढलान की वजह से नर्मदा नदी का बहाव पूर्व से पश्चिम की ओर है
ALSO READ: गंगा से भी ज्यादा पवित्र क्यों हैं नर्मदा नदी?
नर्मदा नदी अपने उद्गम से पश्चिम की ओर 1,312 किलोमीटर चलकर खंभात की खाड़ी अरब सागर में जाकर मिलती है। इससे पहले 1312 किलोमीटर लंबे रास्ते में नर्मदा नदी मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के क्षेत्र से 95,726 वर्ग किलोमीटर का पानी बहाकर ले जाती है।
ALSO READ: पृथ्वी पर नर्मदा नदी का अवतरण कैसे हुआ?
भारतीय पुराणों के अनुसार नर्मदा नदी को पाताल की नदी माना जाता है। यह भी जनश्रुति प्रचलित है कि नर्मदा के जल को बांधने के प्रयास किया गया तो भविष्य में प्रलय होगी। इसका जल पाताल में समाकर धरती को भूकंपों से पाट देगा।
ALSO READ: नर्मदा घाटी सभ्यता के बारे में 5 रोचक तथ्य
यदि अच्छे से नर्मदाजी की परिक्रमा की जाए तो नर्मदाजी की परिक्रमा 3 वर्ष 3 माह और 13 दिनों में पूर्ण होती है, परंतु कुछ लोग इसे 108 दिनों में भी पूरी करते हैं। परिक्रमावासी लगभग 1,312 किलोमीटर के दोनों तटों पर निरंतर पैदल चलते हुए परिक्रमा करते हैं।
ALSO READ: माँ नर्मदा के सुन्दर नामों में से चुनें अपनी लाड़ली बिटिया के लिए ट्रेडिशनल नाम

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Gupta navaratri: माघ माह की गुप्त नवरात्रि कब से होगी प्रारंभ, क्या है इसका महत्व?

षटतिला एकादशी व्रत करने का क्या है फायदा? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Kumbh mela 2025: मौनी अमावस्या कब है, क्या है इस दिन कुंभ स्नान का महत्व?

तन पर एक भी कपड़ा नहीं पहनती हैं ये महिला नागा साधु, जानिए कहां रहती हैं

महाकुंभ में संगम को अखाड़ों से जोड़ रहे ढाई हजार साल पुरानी फारसी तकनीक से बने पीपे के पुल

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 23 जनवरी का दिन, आज किसे मिलेंगे करियर में नए अवसर (पढ़ें अपना राशिफल)

23 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

23 जनवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

कुंभ मेला 2025: महाकुंभ और युद्ध का क्या है संबंध?

सीमा हैदर प्रयाग महाकुंभ में चढ़ाएगी 51 लीटर गाय का दूध, पाकिस्तानी पति झल्लाया

अगला लेख