होलाष्टक की 3 पौराणिक कथा और 5 ज्योतिषीय महत्व

Webdunia
गुरुवार, 10 मार्च 2022 (11:02 IST)
Mythology And Astrological Significance of Holashtak: होली और अष्टक अर्थात होलाष्टक। होली के 8 दिन पहले के दिनों को होलाष्‍टक कहते हैं जो कि अशुभ माने जाते हैं। इस बार 10 मार्च 2022 गुरुवार से 17 मार्च रात्रि तक होलाष्‍टक रहेगा। आओ जानते हैं होलाष्टक की 3 प्रचलित पौराणिक कथा और 5 ज्योतिषीय महत्व।
 
 
होलाष्टक की 3 पौराणिक कथा (3 Mythology of Holashtak):
 
1. होलिका और प्रहलाद की कथा (Story of Holika and Prahlad) : पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए आठ दिन तक कठिन यातनाएं थीं। आठवें दिन वरदान प्राप्त होलिका जो हिरण्यकश्यप की बहिन थी वो भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी और जल गई थी लेकिन भक्त प्रहलाद बच गए थे। आठ दिन यातना के माने जाने के कारण इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है।
 
ALSO READ: आज से होलाष्टक शुरू, जानिए क्यों बुरे हैं ये 8 दिन, 9 ग्रहों को क्यों आता है क्रोध
2. शिव और कामदेव कथा (shiva and kamdev story): हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थीं कि उनका विवाह भगवान भोलेनाथ से हो जाए और दूसरी ओर देवताओं को यह मालूम था कि ब्रह्मा के वरदान के चलते तारकासुर का वध शिव का पुत्र ही कर सकता है परंतु शिवजी अपनी तपस्या में लीन थे। तब सभी देवताओं के कहने पर कामदेव ने शिवजी की तपस्या भंग करने का जोखिम उठाया। उन्होंने प्रेम बाण चलाया और भगवान शिव की तपस्या भंग हो गई। शिवजी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी। कामदेव का शरीर उनके क्रोध की ज्वाला में भस्म हो गया। कामदेव 8 दिनों तकर हर प्रकार से शिवजी की तपस्या भंग करने में लगे रहे। अंत में शिव ने क्रोधित होकर कामदेव को फाल्गुन की अष्टमी पर ही भस्म कर दिया था।
 
बाद में उन्हें देवी एवं देवताओं ने तपस्या भंग करने का कारण बताया। फिर शिवजी ने पार्वती को देखा और पार्वती की आराधना सफल हुई और शिव जी ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। इसीलिए पुराने समय से होली की आग में वासनात्मक आकर्षण को प्रतीकत्मक रूप से जला कर अपने सच्चे प्रेम का विजय उत्सव मनाया जाता है।
 
3. श्री कृष्‍ण और गोपियां (Shri Krishna and the Gopis): कहते हैं कि होली एक दिन का पर्व न होकर पूरे आठ दिन का त्योहार है। भगवान श्रीकृष्ण आठ दिन तक गोपियों संग होली खेलते रहे और धुलेंडी के दिन अर्थात होली को रंगों में सने कपड़ों को अग्नि के हवाले कर दिया, तब से आठ दिन तक यह पर्व मनाया जाने लगा।
 
March 2022 planetary change
5 ज्योतिष महत्व (5 Astrological Significance) :

1. ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस दिन से मौसम परिवर्तन होता है, सूर्य का प्रकाश तेज हो जाता है और साथ ही हवाएं भी ठंडी रहती है। ऐसे में व्यक्ति रोग की चपेट में आ सकता है और उसके मन की स्थिति भी अवसाद ग्रस्त रहती है। 
ALSO READ: होलाष्टक कब से कब तक है, किन 10 कार्यों पर लगेगी रोक
2. फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से नेचर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है। इसीलिए मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि होलाष्टक के आठ दिनों को व्रत, पूजन और हवन की दृष्टि से अच्छा समय माना गया है।
 
3. ज्योतिष विद्वानों के अनुसार अष्टमी को चंद्रमा, नवमी तिथि को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र और द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। इन ग्रहों के निर्बल होने से मनुष्य की निर्णय क्षमता क्षीण हो जाती है। इस कारण मनुष्य अपने स्वभाव के विपरीत फैसले कर लेता है। यही कारण है कि व्यक्ति के मन को व्रत, पूजन, हवन, रंगों और उत्साह की ओर मोड़ दिया जाता है। 
 
4. होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि में एक दोष माना जाता है। विवाहिताओं को इस दौरान मायके में रहने की सलाह दी जाती है। विशेष रूप से इस समय विवाह, नए निर्माण व नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए। ऐसा ज्योतिष शास्त्र का कथन है। अर्थात्‌ इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट, अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है तथा विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो जाते हैं या फिर अकाल मृत्यु का खतरा या बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।
 
 
5. ज्योतिषियों के अनुसार होलाष्टक का प्रभाव तीर्थ क्षेत्र में नहीं मान जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन

अगला लेख