क्या आपको याद है होलिका दहन पूजा-विधि और पूजन सामग्री, आइए यहां जानिए 12 सरलतम बातें

Webdunia
होली पर कैसे करें पूजन? नेट पर बहुत सारी सामग्री आपको हैरान कर सकती है। आइए हम आपको बताते हैं सबसे सरल और प्रामाणिक तरीका। इन सामान्य 12 बातों का ध्यान रख कर भी आप कर सकते हैं पूजन...
 
सबसे पहले तो होलिका पूजा की सामग्री आपको बता देते हैं
 
गोबर से बनी होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं, माला, रोली, फूल, कच्चा सूत, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, पांच या सात प्रकार के अनाज जैसे नए गेहूं और अन्य फसलों की बालियां, एक कलश जल, कलश चांदी, तांबा, पीतल और कांसे का हो सकता है, बड़ी-फुलौरी, मीठे पकवान, मिठाइयां और फल...गोमती चक्र, नारियल, छोटी चुनरी, गोबर, शकर या आटे से बने आभूषण जिन्हें फूलरिया या बड़बूले कहते हैं। ,  
 
पूजा सामग्री के साथ होलिका के पास गोबर से बनी ढाल भी रखी जाती है।
 
होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के समय चार मालाएं अलग से रख ली जाती हैं। इसमें एक माला पितरों के नाम की, दूसरी श्री हनुमान जी के लिए, तीसरी शीतला माता और चौथी घर परिवार के नाम की रखी जाती है।
 
इसके पश्चात पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए सूत के धागे को लपेटा जाता है। होलिका की परिक्रमा 3 या 7 बार की जाती है। इसके बाद शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक एक कर होलिका को अर्पित किया जाता है।
 
फिर अग्नि प्रज्वलित करने से पूर्व जल से अर्घ्य दिया जाता है। होलिका दहन के समय मौजूद सभी पुरुषों को रोली का तिलक लगाया जाता है। कहते हैं, होलिका दहन के बाद जली हुई राख को अगले दिन प्रात: काल घर में लाना शुभ रहता है। अनेक स्थानों पर होलिका की भस्म का शरीर पर लेप भी किया जाता है।
 
होलिका दहन की पूरी पूजा विधि:-
 
1. सबसे पहले होलिका पूजन के लिए पूर्व या उत्तर की ओर अपना मुख करके बैठें।
2. अब अपने आस-पास पानी की बूंदें छिड़कें।
3. गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाएं।
4. थाली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक कलश पानी रखें।
5. नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए प्रतिमाओं पर रोली, मौली, चावल, बताशे, फूल और समस्त सामग्री अर्पित करें।
6. अब सभी एकत्रित सामान लेकर होलिका दहन वाले स्थान पर ले जाएं।
7. अग्नि जलाने से पहले अपना नाम, पिता का नाम और गोत्र का नाम लेते हुए अक्षत (चावल) में उठाएं और भगवान गणेश का स्मरण कर होलिका पर अक्षत अर्पण करें।
8. इसके बाद प्रहलाद का नाम लें और फूल चढ़ाएं।
9. भगवान नरसिंह का नाम लेते हुए पांच तरह के अनाज चढ़ाएं।
10. अब दोनों हाथ जोड़कर अक्षत, हल्दी और फूल चढ़ाएं।
11. कच्चा सूत हाथ में लेकर होलिका पर लपेटते हुए परिक्रमा करें।
12. आखिर में गुलाल डालकर चांदी या तांबे के कलश से जल चढ़ाएं। थाली में रखी सभी पूजन सामग्री चढ़ा दीजिए। जब होली जलाई जाए तब उसकी ताप ग्रहण करें... जलती होली में नारियल, गोमती चक्र और मिठाई चढ़ाएं...
 
अलग अलग क्षेत्रों में होली के पूजन की अलग विधि प्रचलित है। यहां हम लाए हैं आपके लिए सबसे प्रामाणिक विधि....आप सभी को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं....  
 
ALSO READ: Holi 2021 : कब है होलाष्टक, होलिका दहन, रंगों की होली और रंगपंचमी

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम का श्रीकृष्ण से क्या है कनेक्शन?

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

Aaj Ka Rashifal: पारिवारिक सहयोग और सुख-शांति भरा रहेगा 08 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियां

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

अगला लेख