होलिका दहन व पूजन की प्रामाणिक विधि, 10 प्रमुख बातें

Webdunia
रंगों की होली खेलने से पूर्व होलिका पूजन की परंपरा प्रचलित है। होलिका पूजन में इन 10 प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें विस्तार से... 
 
होलिका दहन की प्रामाणिक पूजन विधि
 
1 . होलिका दहन करने से पहले होली की पूजा की जाती है। पूजा करते समय पूजा करने वाले व्यक्ति को होलिका के पास जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। 
 
2. पूजा सामग्री : 
एक लोटा जल, माला, रोली, चावल, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल आदि का प्रयोग करना चाहिए। इसके अति‍रिक्त नई फसल के धान्यों जैसे पके चने की बालियां व गेहूं की बालियां भी सामग्री के रूप में रखी जाती हैं।
 
3. इसके बाद होलिका के पास गोबर से बनी ढाल तथा अन्य खिलौने रख दिए जाते हैं।
 
4. होलिका दहन मुहूर्त समय में जल, मौली, फूल, गुलाल तथा ढाल व खिलौनों की चार मालाएं अलग से घर से लाकर सु‍‍रक्षित रख लेना चाहिए। 
 
5 . इनमें से एक माला पितरों के नाम की, दूसरी हनुमानजी के नाम की, तीसरी शीतलामाता के नाम की तथा चौथी अपने घर-परिवार के नाम की होती है।
 
6 . कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना चाहिए। 
 
7 . फिर लोटे का शुद्ध जल व अन्य पूजन की सभी वस्तुओं को एक-एक करके होलिका को समर्पित करें। 
 
8 . रोली, अक्षत व पुष्प को भी पूजन में प्रयोग किया जाता है। गंध-पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन किया जाता है। पूजन के बाद जल से अर्घ्य दें। 
 
9. होलिका दहन होने के बाद होलिका में जिन वस्तुओं की आहुति दी जाती है, उनमें कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने, नई फसल का कुछ भाग प्रमुख है। सप्तधान्य : गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर भी अर्पित करें। 
 
10. होली की भस्म घर में लाकर रखनी चाहिए। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्यों वर्ष में एक ही बार नागपंचमी पर खुलते हैं उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट?

नागपंचमी पर जानिए वासुकि, तक्षक और शेषनाग की कहानी

ये 3 राशियां हमेशा क्यों रहती हैं प्यासी और असंतुष्ट?

क्या फिर लौटेगी महामारी! नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी में छुपे 2025 में तबाही के संकेत

शनि और मंगल का होने वाला है आमना-सामना, देश में घट सकती हैं ये 5 घटनाएं

सभी देखें

धर्म संसार

29 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

29 जुलाई 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

नागपंचमी पर भूलकर भी न करें ये 10 काम, होगा भारी नुकसान

किस पेड़ के नीचे से गुजरने के बाद कावड़िये नहीं चढ़ा सकते शिवलिंग पर जल, जानिए नियम

श्रावण मास: धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में एक सूक्ष्म विश्लेषण

अगला लेख