Amla-Akshaya Navami Bhog: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन माता लक्ष्मी ने स्वयं भगवान विष्णु और भगवान शिव का पूजन आंवले के वृक्ष के नीचे किया था और वहीं पर भोजन ग्रहण किया था। अत: आंवला नवमी पर आंवला युक्त विशेष सात्विक व्यंजन जैसे कि खीर, पूड़ी, और आंवले का मुरब्बा बनाकर भोग लगाने और उसका सेवन करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि आती है और देवी लक्ष्मी का स्थायी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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	हिंदू धर्म के अनुसार आंवले में स्वयं भगवान श्रीविष्णु का वास माना जाता है। इस दिन इन व्यंजनों को तैयार करते समय और भोग लगाते समय शुभ मंत्र: 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
	 
	ये रहे 5 ऐसे खास व्यंजन जिन्हें आंवला नवमी पर बनाना और खाना अत्यंत शुभ माना जाता है:
	 
	1. आंवले का मुरब्बा: यह आंवले का सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक व्यंजन है। इसका मीठा स्वाद और आंवले का आरोग्य गुण इसे इस दिन के लिए सर्वोत्तम प्रसाद बनाता है। इसे भोग लगाने से दीर्घायु और सुख-समृद्धि का आशीष मिलता है।
								
								
								
										
			        							
								
																	
	 
	• विधि (संक्षेप में): आंवले को गोदकर (छेदकर) चूने के पानी में भिगोया जाता है, फिर उबालकर चीनी की चाशनी में पकाया जाता है।
	 
	2. खीर और पूड़ी: आंवला नवमी के पूजन में खीर-पूड़ी का भोग लगाना अनिवार्य माना जाता है। खीर (चावल और दूध से बनी) सात्विक और मीठी होती है, जो मां लक्ष्मी को प्रिय है।
	 
	• खास बात: इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने और वृक्ष के नीचे बैठकर परिवार के साथ भोजन करने की परंपरा में खीर और पूड़ी मुख्य रूप से शामिल होते हैं।
	 
	3. आंवला कैंडी या चटनी: चूंकि इस दिन आंवला खाना बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए आंवले की खट्टी-मीठी चटनी या कैंडी को भोजन के साथ परोसा जाता है। यह व्यंजन पाचनशक्ति को बढ़ाकर आलस्य को दूर करता है।
	 
	• खास बात: यह सुनिश्चित करता है कि आपके भोजन में आंवले का अंश जरूर शामिल हो।
	 
	4. गुड़ के गुलगुले / मीठे पुए: कई धार्मिक अनुष्ठानों में, खासकर उत्तर भारत में, गुड़ और आटे से बने गुलगुले या मीठे पुए का भोग लगाना शुभ माना जाता है। यह व्यंजन सादगी और शुद्धता का प्रतीक है।
	 
	• खास बात: पूजा के बाद गुड़ के गुलगुले का प्रसाद खाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
	 
	5. सात्विक मिश्रित/सात सब्जी: कई क्षेत्रों में, अक्षय नवमी के दिन सात प्रकार की सब्जियों को मिलाकर सात्विक सब्जी बनाने का विधान है। यह सात्विक भोजन माता लक्ष्मी को भोग लगाने और आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर खाने के लिए उत्तम माना जाता है।
	 
	• विशेष: इस तरह की सात्विक सब्जी का सेवन आरोग्य और मन की शांति प्रदान करता है, जिससे घर में क्लेश से मुक्ति मिलती है।
	 
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