रमजान मीठी ईद : ईद-उल-फित्र की दावत दें इन खास पकवानों से...

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रमजान माह की समाप्ति के साथ ही ईद-उल-फित्र (ईदुल फितर) का त्योहार आ जाता है, इस त्योहार पर हर बाशिंदे के मन में सिवइयों के मीठे स्वाद का एक अलग ही अहसास भर जाता है। इसी के मद्देनजर रमजान माह के आखिरी अशरे के साथ ही ईदुल फितर की आहट से बाजार में सिवइयां व शीर-खुरमे से सजने लगते हैं।


यूं तो मीठी ईद और सिवइयां एक-दूसरे के पर्याय हैं, लेकिन इसके अलावा और भी कई व्यंजन इस त्योहार पर बनते हैं। ईद के बाजारों में रंग-बिरंगी सिवइयों से दिल लुभाने के अलावा ढेरों पकवान जैसे- दूध-फेनी, शीरमाल, बाकरखानी, अंगूरदाना वगैरह भी खूब बनते हैं। साथ ही घरों में मांसाहारी व्यंजन भी बनते हैं। आइए जानते हैं मीठी ईद पर बनाए जाने वाले विशेष पकवान :- 
 
* मीठी सिवइयां : शीर-खुरमा
 
सिवइयां मशीन से भी बनती हैं और हाथ से भी। यह मैदे की होती हैं। जब इसे दूध और मेवे के साथ बनाया जाता है तो यह शीर-खुरमा कहलाता है।
 
शीर यानी दूध, खुरमा या कोरमा यानी कि सूखे मेवे का मिक्चर। इसमें खोपरा, किशमिश, छुहारा, काजू आदि शामिल रहते हैं। इसे मीठे दूध में भीगी सिवइयों पर सजाया जाता है। 
 
* बाकरखानी : 
 
ईदुल फितर पर बाकरखानी का अपना अलग मजा है। यह मैदे, सूखे मेवे और मावे की बनती है। इसे तंदूर या ओवन में सेंका जाता है। उस पर सूखे मेवे सजाए जाते हैं। यह लखनऊ और हैदराबाद में भी काफी लोकप्रिय है। बाकरखानी खाने में ज्यादा मिठासभरी होती है। इसे  दूध के साथ भी खाया जाता है। यह पचने में भी हल्की होती है।
 
* अंगूरदाना : 
 
रोजा-इफ्तारी में इसका खूब चलन है। अंगूरदाना दरअसल उड़द की दाल से बनने वाली मोटी बूंदी है। यह मीठी होती है। इसके अलावा इफ्तार में नुक्ती भी खूब खाई जाती है। यह बेसन से बनती है। इन दिनों  सेव की तरह के खारे भी काफी पसंद किए जाते हैं।
 
* दूध फेनी :
 
ईद पर सिवइयां और फेनी अच्छे-अच्छों के मुंह में पानी ला देती है। सिवइयों और फेनी में बुनियादी फर्क यह है कि फेनी तार के गुच्छे की तरह होती है। इसे बनाने में ज्यादा मेहनत लगती है। इसे घी में तला जाता है। यह रंगीन भी मिलती है। कम तली हुई सफेद और ज्यादा तली हुई लाल या जाफरानी रंग की फेनी होती है। फेनी को दूध के साथ ही खाया जाता है। सिवइयां नमकीन भी मिलती हैं।

 
* शीरमाल : 
 
यह मैदे, घी और शकर से बनी मीठी रोटी है। शीर का अर्थ है दूध। खास बात यह है कि यह बाजार में तैयार बना हुआ मिलता है। इसे गोश्त के साथ भी खाया जाता है। स्वाद में यह कुछ-कुछ मीठे पाव-सा और लजीज लगता है। वैसे शीरमाल फारसी का शब्द है और इसका अर्थ होता है दूध से गूंथे आटे की रोटी। शादियों में भी यह खूब चलता है।

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