मांगा आडवाणी से आशीर्वाद, क्या है यशवंत सिन्हा का भाजपा से संबंध

Webdunia
शनिवार, 25 जून 2022 (14:08 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने फोन कर भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी, पीएम नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से समर्थन मांगा है। राष्‍ट्रपति चुनाव में उनका सीधा मुकाबला NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू से है।
 
मुर्मू ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी व अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। मुर्मू को बीजद, बसपा समेत कई गैर राजग दलों का भी समर्थन हासिल है और उनकी जीत तय मानी जा रही है।
 
इस बीच, विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा भी मैदान में डटे हुए हैं। वे अपने समर्थन के लिए नेताओं से सतत संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी फोन कर आशीर्वाद मांगा। आडवाणी और यशवंत सिन्हा दोनों ही अटल सरकार में मंत्री रहे थे।
 
यशवंत सिन्हा का BJP कनेक्शन : IAS अधिकारी यशवंत सिन्हा ने जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर 1974 में राजनीति में एंट्री ली थी। लेकिन 1984 में IAS की नौकरी छोड़कर जनता पार्टी की सदस्यता ली। यशवंत सिन्हा 1996 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने और 1998 में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया। 2004 तक वे वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। हालांकि, 2004 के चुनाव में हजारीबाग सीट से यशवंत सिन्हा को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने 2005 में फिर से संसद में प्रवेश किया। जून 2009 में उन्होंने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
 
अटली जी के साथ काम करने का गर्व : पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली पार्टी का सदस्य रहने के दौरान अपने रिकॉर्ड पर गर्व है। आज की भारतीय जनता पार्टी वाजपेयी की भाजपा से भिन्न है।
 
बेटा पिता नहीं पार्टी के साथ : यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा भी भाजपा के वरिष्‍ठ नेता है। जयंत मोदी सरकार-1 में वित्त राज्यमंत्री थे और अभी भी झारखंड से भाजपा सांसद हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे राष्ट्रपति चुनाव में पिता की बजाए पार्टी प्रत्याशी को चुनेंगे।
 
आदिवासियों के लिए द्रौपदी मुर्मू से ज्यादा काम किया : राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने दावा किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने अनुसूचित जनजातियों और अन्य वंचित वर्गों के लिए राजग की इस शीर्ष पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू से 'बहुत ज्यादा' काम किया है।

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