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ट्रैफिक नहीं संभल रहा तो जनता पर थोपा आदेश, हेलमेट के खिलाफ याचिका दायर, 1 अगस्‍त से बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं

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नवीन रांगियाल

  • पूर्व जस्‍टिस की हिदायत में कई सुझाव, लेकिन इंदौर प्रशासन की सुई सिर्फ हेलमेट पर अटकी
  • सिर्फ हेलमेट से खराब सड़कें, बंद सिग्‍नल और लावारिस चौराहे कैसे सुधरेंगे?
  • ट्रैफिक सुधार कमेटी के सुझाव में तो कई निर्देश, उनका क्‍या करेगा प्रशासन?
इंदौर में दिन ब दिन बदहाल होते ट्रैफिक व्‍यवस्‍था के बाद अब प्रशासन हेलमेट को लेकर सख्‍त होने जा रहा है। 1 अगस्त से बगैर हेलमेट पहने वाहन चालकों को पंपों से पेट्रोल नहीं मिल सकेगा। जो हेलमेट लगाएगा उसे ही पेट्रोल मिलेगा, लेकिन इंदौर कलेक्‍टर के इस आदेश के खिलाफ अब जनहित याचिका लगाई गई है। यह याचिका हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रितेश ईनानी के माध्यम से लगाई गई है।

याचिका लगाने वाले हाईकोर्ट के वकील रीतेश ईनानी ने वेबदुनिया को बताया कि हेलमेट की अनिवार्यता का नियम शहर के बाहरी क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है, लेकिन शहर के मध्य क्षेत्र में दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वाहनों के अत्यधिक दबाव के कारण यहां वैसे ही ट्रैफिक लगभग रेंगते हुए चलता है। बता दें कि याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी।

हेलमेट पर अटकी सुई : दरअसल, प्रशासन ने यह नियम पूर्व जस्‍टिस मनोहर सप्रू की अध्‍यक्षता में बनी यातायात सुधार कमेटी के इंदौर ट्रैफिक को लेकर की गई समीक्षा के बाद लागू किया था। हालांकि उनके सुझाव में कई तरह की बातें थीं, लेकिन इंदौर प्रशासन की सुई सिर्फ हेलमेट पर ही अटक गई और जनता पर हेलमेट का आदेश थोप दिया, जबकि शहर की सड़कों में गड्डे सबसे बड़ी समस्‍या है। खराब सड़कों से लोग परेशान हैं। कई जगह जाम की स्‍थिति बनती है, चौराहों पर सिग्‍नल बंद पड़े हैं। चौराहों पर ट्रैफिक जवान नजर नहीं आ रहे हैं, वन वे पुलिस की कंट्रोल में नहीं है। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्‍या सिर्फ हेलमेट अनिवार्य करने से शहर का ट्रैफिक सुधरेगा।

इधर एडव्‍होकेट रीतेश ईनानी ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले से ही नियम बना रखा है कि हेलमेट लगाना है, सीट बेल्‍ट लगाना है। और चेकिंग के दौरान हेलमेट नहीं होने पर चालान काटना है। लेकिन हेलमेट नहीं पहनने पर पेट्रोल नहीं देने का नियम सही नहीं है। उन्‍होंने बताया कि प्रशासन व्‍यवस्‍था संभाल नहीं पा रहा है तो जनता पर हेलमेट थोप दिया गया। उनका कहना है कि शहर में हादसे नहीं हो रहे हैं, क्‍योंकि ट्रैफिक ही रेंग कर चल रहा है। आउटर पर जरूरी है। त्‍यौहार के समय ऑर्डर थोप दिया।

ब्‍लैक स्‍पॉट पर हेलमेट जरूरी है : ट्रैफिक एक्‍सपर्ट अतुल शेठ ने बताया कि ब्‍लैक स्‍पॉट पर जरूरी है। हालांकि शहर में हेलमेट की उपयोगिता नहीं है, बायपास या रिंगरोड, सुपर कोरिडॉर पर हेलमेट जरूरी है। शहर में हादसे नहीं होते हैं, हालांकि हेलमेट की उपयोगिता सभी जगह है।

इलेक्‍ट्रिक व्‍हीकल का क्‍या होगा : बता दें कि ट्रैफिक सुधार के नाम पर जिला कलेक्‍टर आशीष सिंह ने इंदौर में हेलमेट अनिवार्य करने के आदेश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन यह नहीं देखा कि शहर में हजारों की संख्‍या में इलेक्‍ट्रिक व्‍हीकल हैं, जो बैटरी से चलते हैं, ऐसे में इन वाहनों के चालकों पर कैसे हेलमेट लागू किया जाएगा।

बता दें कि इंदौर में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने निर्देश दिए थे कि सरकारी कर्मचारी व विद्यार्थियों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया जाए। दूसरे ही दिन कलेक्टर ने हेलमेट के बगैर पेट्रोल नहीं भराने के आदेश जारी कर दिए हैं।

तो लाइसेंस रद्द होगा : इंदौर में एक अगस्त से बगैर हेलमेट पहने वाहन चालक पंपों से पेट्रोल नहीं भरवा पाएंगे। इसके लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश जारी किए है। हालांकि मेडिकल स्थिति में छूट रहेगी। यदि पेट्रोल पंपों पर कर्मचारियों ने हेलमेट नहीं पहनने वाले वाहन चालकों को पेट्रोल दिया तो फिर पंपों को लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी गई है। यह आदेश 1 अगस्त से लागू होगा।

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