एक तरफ जहां राज्य में बीएलओ की एसआईआर के सर्वे से तनाव में आकर मौत हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इंदौर में एक बीएलओ ने अपने काम को लेकर मिसाल पेश की है। इस बीएलओ का नाम है नीलू गौड़। नीलू इंदौर की हैं और उनकी ड्यूटी SIR सर्वे में लगाई गई थी। वे अपनी मां की मौत के बाद अंतिम संस्कार में नहीं गईं और पहले उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी की। इंदौर कलेक्टर ने उनके जज्बे की सराहना की है।
बता दें कि नीलू गौड़ सॉफ्टबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी और विक्रम अवॉर्ड से सम्मानित हैं। उनकी मां का कैंसर से दुखद निधन हो गया, लेकिन खेले के मैदान की तरह ही उन्होंने जिंदगी के मैदान पर हार नहीं मानी। दुख के वक्त में भी वे अपने निर्वाचन दायित्वों पर डटी रहीं। मां के निधन की सूचना मिलने के बाद भी उन्होंने फील्ड में अपना काम जारी रखा।
अधिकारियों ने दी थी घर जाने की सलाह : बता दें कि शनिवार 22 नवंबर की सुबह करीब 6 बजे नीलू ने अधिकारियों को फोन कर मां के निधन की जानकारी दी और बताया कि अस्पताल से पार्थिव शरीर घर लाने में समय लगेगा। इसी दौरान उन्होंने कहा कि वे तब तक एसआईआर फॉर्म उन घरों से कलेक्ट कर लेंगी, जहां पहले दिए थे। अधिकारियों ने उन्हें तुरंत घर जाने की सलाह दी, लेकिन नीलू अपने निर्णय पर अडिग रहीं और बोलीं कि फॉर्म कलेक्ट करने के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होंगी। नीलू बताती हैं कि बीएलओ का कार्य मिलने के बाद वे दिनभर फील्ड में काम करती थीं और रात को मां के पास समय बिताती थीं।
कलेक्टर ने की सराहना : नीलू की प्रतिबद्धता की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर शिवम वर्मा ने उनकी सराहना की। निर्वाचन शाखा के मुताबिक, नीलू अब तक 540 से अधिक मतदाताओं के घरों तक फॉर्म पहुंचा चुकी हैं और लगभग 125 से अधिक फॉर्म कलेक्ट कर डिजिटलाइज कर चुकी हैं। यह उपलब्धि किसी भी बूथ लेवल अधिकारी के लिए प्रेरणादायक मानी जा रही है।
मैदान की खिलाड़ी हैं नीलू गौड़ : बता दें कि नीलू गौड़ न केवल एक जिम्मेदार बीएलओ हैं, बल्कि सॉफ्टबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी भी हैं। वर्तमान में वे वाणिज्यिक कर कार्यालय, इंदौर में सहायक ग्रेड-III के पद पर कार्यरत हैं। निर्वाचन कार्यों के दौरान उन्हें विधानसभा क्षेत्र क्रमांक इंदौर-5 के अंतर्गत बीएलओ की जिम्मेदारी दी गई थी। सुबह से लेकर रात 9–10 बजे तक वे लगातार घर–घर जाकर विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में जुटी रहीं। फॉर्म बांटना, भरवाना, कलेक्ट करना और डिजिटलाइजेशन कराना। उनकी लगन से पर्यवेक्षक और वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में कई जगह से बीएलओ की काम के प्रेशर में मौत हो रही है। ऐसे में नीलू गौड़ के काम के प्रति इस जज्बे की सभी जगह सराहना हो रही है।
Edited By: Navin Rangiyal