कैलाश विजयवर्गीय का दावा, पश्चिम बंगाल में बनेगी भाजपा की सरकार

Webdunia
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020 (19:12 IST)
इंदौर (मध्यप्रदेश)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को दावा किया कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के मैदान में उतरने या इससे दूर रहने से भाजपा की जीत की संभावनाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है जहां विपक्षी भाजपा के सामने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का गढ़ भेदने की चुनौती है। विजयवर्गीय ने कहा, ओवैसी (की पार्टी) पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में उतरें या नहीं उतरें, लेकिन हमें विश्वास है कि वहां दो तिहाई बहुमत से हमारी सरकार बनेगी।

कांग्रेस नेताओं द्वारा ओवैसी की पार्टी को ‘भाजपा की बी-टीम’ और ‘वोटकटवा’ कहे जाने पर उन्होंने कहा, कांग्रेस नेताओं द्वारा अपनी चुनावी असफलताओं को किसी दूसरे व्यक्ति के सिर पर थोपना उचित नहीं है। उन्हें इतनी-सी बात समझ नहीं आ रही है कि उनकी लुटिया इसलिए डूब रही है क्योंकि उनके नेता राहुल गांधी राजनीतिक तौर पर सक्षम नहीं हैं।

गौरतलब है कि हाल के बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटें जीतने के बाद ओवैसी की पार्टी ने पश्चिम बंगाल में चुनावी किस्मत आजमाने का मन बनाया है। राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि एआईएमआईएम के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में उतरने पर अल्पसंख्यकों पर तृणमूल कांग्रेस की पकड़ कमजोर हो सकती है।

बिहार चुनावों में वामदलों के प्रदर्शन में सुधार से पड़ोसी पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें फायदा मिलने के कयास को विजयवर्गीय ने खारिज किया। भाजपा महासचिव ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में नए नेतृत्व के अभाव के कारण वामदलों के लिए अपनी खोई जमीन हासिल करना बेहद मुश्किल है।

उन्होंने अपनी बात में जोड़ा, पश्चिम बंगाल में वामदलों के प्रति युवाओं में कोई आकर्षण भी नहीं है।अपने गृह राज्य मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हालिया विधानसभा उपचुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा की शानदार जीत पर प्रसन्नता जताते हुए विजयवर्गीय ने कहा, मतदाताओं ने बता दिया है कि गद्दार कौन हैं और खुद्दार कौन हैं?
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने उन 22 पूर्व विधायकों को ‘गद्दार’ बताकर उपचुनावों में प्रचार किया था, जिनके विधानसभा से त्याग पत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च को पतन हो गया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी। उपचुनावों की जीत ने भाजपा को राज्य की सत्ता में बनाए रखा है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

स्वाति मालीवाल मामले पर क्या बोलीं प्रियंका गांधी

स्वाति मालीवाल बोलीं- मेरे साथ जो हुआ वो बहुत बुरा था, थप्पड़ मारा गया, केजरीवाल के PA के खिलाफ FIR

iQOO Z9x 5G : लॉन्च हुआ सबसे सस्ता गेमिंग स्मार्टफोन, धांसू फीचर्स

Weather Updates : उत्तर पश्चिम भारत में लू की चेतावनी, दिल्ली में 45 डिग्री पहुंचेगा पारा, कई राज्‍यों में ऑरेंज अलर्ट

घने जंगल में बेफिक्र सो रहा था हाथियों का ये परिवार, IAS ने वीडियो शेयर किया और फिर...

Reels पर तकरार, क्यों लोगों में बढ़ रहा है हर जगह वीडियो बनाने का बुखार?

कांग्रेस, सपा सत्ता में आई तो राम मंदिर पर बुलडोजर चलाएंगी : प्रधानमंत्री मोदी

आगर-मालवा में एसपी से भिड़े भाजपा विधायक, FIR के बदले पुलिसकर्मियों पर 3 लाख की रिश्वत लेने का आरोप

NCW के सामने पेश नहीं हुए बिभव कुमार, स्वाति मालीवाल से बदसलूकी का मामला

कांग्रेस से बोले पीएम मोदी, बुंदेलखंड की धरती पर आकर देखों वीरता क्या होती है?

अगला लेख