ये है देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन, फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं, जानिए कौन है मालिक

WD Feature Desk
बुधवार, 6 अगस्त 2025 (14:52 IST)
india first privately managed railway station: भारत में रेलवे को अक्सर एक पुरानी और भीड़-भाड़ वाली परिवहन व्यवस्था के रूप में देखा जाता रहा है। लेकिन, अब यह धारणा तेज़ी से बदल रही है। आज हम आपको देश के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिसने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि देश के पहले विश्व स्तरीय और निजी रेलवे स्टेशन का गौरव हासिल कर चुका है, जिसकी आधुनिक सुविधाएं देखकर आप किसी एयरपोर्ट में होने का अनुभव करेंगे।

भारत का पहला PPP मॉडल पर बना स्टेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर 2021 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था। इसे पहले हबीबगंज स्टेशन के नाम से जाना जाता था। यह स्टेशन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnership - PPP) के तहत विकसित किया गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि निजी क्षेत्र की कुशलता और सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर मिलकर कितनी बड़ी क्रांति ला सकते हैं। इस स्टेशन का विकास बंसल ग्रुप ने किया है।

इस स्टेशन को जर्मनी के हीडलबर्ग रेलवे स्टेशन की तर्ज पर बनाया गया है, जो अपनी वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है। इस प्रोजेक्ट को बंसल ग्रुप ने इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (IRSDC) के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पूरा किया। ध्यान देने वाली बात है कि स्टेशन का स्वामित्व भारतीय रेल के पास ही है, लेकिन ऑपरेशंस और रखरखाव की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र को सौंपी गई है, जिससे सेवाएं बेहतर हो रही हैं लेकिन सार्वजनिक नियंत्रण भी बना हुआ है।

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर कदम रखते ही आपको किसी एयरपोर्ट जैसी अनुभूति होगी। यहां की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
अत्याधुनिक वास्तुकला: स्टेशन की इमारत को बेहद आधुनिक और आकर्षक रूप दिया गया है। कांच और स्टील से बनी संरचना, विशाल प्रवेश द्वार और एक भव्य वेटिंग एरिया इसे एक शानदार लुक देते हैं।
चौबीसों घंटे सुरक्षा: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन पर लगभग 162 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर चौबीसों घंटे नज़र रखते हैं।
स्वच्छता और सुविधाएं: स्टेशन परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। यहां वातानुकूलित वेटिंग रूम, वीआईपी लाउंज, बच्चों के लिए प्ले एरिया और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं।
दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था: स्टेशन पर दिव्यांग यात्रियों के लिए लिफ्ट, एस्केलेटर और रैंप की सुविधा है, जिससे उन्हें प्लेटफॉर्म तक पहुँचने में कोई दिक्कत न हो।
सुलभता: यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक पहुँचने के लिए अंडरपास और फुटओवर ब्रिज की सुविधा है, जिससे उन्हें रेलवे ट्रैक पार करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
• मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी: स्टेशन को शहर के मेट्रो और बस स्टॉप से भी जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को यहां तक पहुंचने में आसानी होगी।

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का यह मॉडल देश के अन्य रेलवे स्टेशनों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है। यह पहल भारतीय रेलवे को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने और उसे 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने के साथ जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम है। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो बदलाव संभव है और यह बदलाव ही भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

big disasters of uttarakhand : उत्तराखंड की 5 बड़ी प्राकृतिक आपदाएं, जिनमें गई हजारों लोगों की जान

Uttarakhand Cloudburst : उत्तराखंड के धराली में बादल फटा, हर्षिल आर्मी कैंप तबाह, कई जवानों के लापता होने की आशंका

YouTube का बड़ा ऐलान : अब इन वीडियो पर नहीं मिलेगा पैसा, कहीं आपका चैनल भी तो लिस्ट में नहीं?

Maharashtra: 20 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे मिलकर लड़ेंगे स्थानीय निकाय चुनाव

dharali : 10 तस्वीरों में देखिए कुदरत का कहर, चंद सेकंड्‍स में मलबे में दबा खूबसूरत धराली

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: धराली पहुंचे पुष्कर धामी, तबाही का मंजर देख दिए निर्देश

उत्तराखंड की ये जगहें घूमने के लिए अभी सुरक्षित नहीं, ट्रिप प्लान करने से पहले जरूरी है ये जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने EC से मांगा वोटर लिस्ट से हटाए 65 लाख वोटर्स का ब्योरा

राहुल गांधी को मानहानि मामले में मिली जमानत, अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी का आरोप

पीएम मोदी ने पहले कर्तव्य भवन का उद्धाटन किया, क्या है इस प्रोजेक्ट में खास?

अगला लेख