क्यों बिना कपड़ों के रहते हैं इस गांव के लोग, वजह जान कर रह जाएंगे दंग

जानिए इस अनोखे गांव की कहानी जहां 90 साल से बिना कपड़ों के रहते हैं महिला और पुरुष

WD Entertainment Desk
मंगलवार, 19 नवंबर 2024 (13:14 IST)
village of Britain

Naked Village of Britain: दुनिया में बहुत से अनोखे गांव और परंपराएं हैं, लेकिन ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर में स्थित स्पीलप्लाट्ज गांव अपनी खासियत के लिए जाना जाता है। यह गांव पिछले 90 साल से एक अनोखी परंपरा का पालन कर रहा है - यहां के लोग कपड़े नहीं पहनते।

क्यों बिना कपड़ों में रहते हैं लोग?
स्पीलप्लाट्ज गांव की यह परंपरा नेचरिज्म (Naturism) पर आधारित है। यहां के निवासियों का मानना है कि बिना कपड़ों के रहना स्वाभाविक जीवन का प्रतीक है और यह शरीर को समाज द्वारा लगाए गए बेवजह के बंधनों से मुक्त करता है। यह परंपरा 1929 में शुरू हुई और आज भी जारी है।

गांव का इतिहास और परंपरा
इस गांव की खोज साल 1929 में इसुल्ट रिचर्डसन नाम के व्यक्ति ने की थी। उन्हें यह जगह इतनी पसंद आई कि उन्होंने यहीं बस जाने का फैसला कर लिया। आज इस गांव में एक पब, स्विमिंग पूल और क्लब भी है। इस गांव के लोग शिक्षित और आर्थिक रूप से संपन्न हैं, इसके बावजूद यहां बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और पुरुष - बड़े आराम से बिना कपड़ों के रहते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि जब गांव के लोग शहर जाते हैं तो वे कपड़े पहनते हैं, लेकिन गांव लौटते ही फिर से अपनी प्राकृतिक अवस्था में आ जाते हैं। हालांकि, सर्दी के मौसम में या किसी विशेष अवसर पर वे कपड़े पहन सकते हैं। इस गांव के लोग इस अनोखी जीवनशैली को बड़े आराम से जीते हैं और उन्हें इस बात का जरा-सा भी अफसोस नहीं है।
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आने वाले पर्यटकों के लिए नियम: गांव में आने वाले मेहमानों को भी नेचरिज्म के नियमों का पालन करना होता है।

क्या यह परंपरा हर किसी के लिए सही है?
स्पीलप्लाट्ज गांव की यह परंपरा हर किसी के लिए नहीं हो सकती, लेकिन इसके निवासियों का कहना है कि यह उन्हें शारीरिक और मानसिक आजादी का अनुभव कराती है। बिना कपड़ों के रहने का अनुभव उन्हें समाज के बनाए हुए स्टिरियोटाइप्स से मुक्त करता है।

दुनिया भर से लोग आते हैं इस गांव को देखने
स्पीलप्लाट्ज अब सिर्फ एक गांव नहीं बल्कि पर्यटकों के लिए एक आकर्षण बन चुका है। दुनियाभर से लोग यहां आकर इस अनोखी जीवनशैली को समझने की कोशिश करते हैं।

स्पीलप्लाट्ज गांव की परंपरा दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह परंपरा हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने समाज के बनाए गए नियमों से बाहर निकल सकते हैं और जीवन को स्वाभाविक रूप से अपना सकते हैं।

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