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470 ड्रोन, 48 मिसाइलें... रूस का यूक्रेन पर बड़ा हमला, जेलेंस्की बोले- काफी नुकसान हुआ

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 19 नवंबर 2025 (18:00 IST)
Russias major attack on Ukraine: एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उनका प्रशासन रूस के साथ मिलकर 28 बिंदुओं वाली योजना बना रहे हैं, दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दावा किया है कि रूस ने यूक्रेन के अलग अलग इलाकों में 470 ड्रोन और 48 मिसाइलें दागी हैं। रूस के इस हमले में 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। 
 
जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला किया। रूस ने रातभर में यूक्रेन पर 470 ड्रोन और 48 मिसाइलों से हमला किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में तस्वीरें भी साझा की हैं, जिनमें जगह-जगह आग लगी हुई दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जारी है और अधिकारी प्रभावित इलाकों में आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।

लोग मलबे में फंसे : उन्होंने यह भी बताया कि हमारे कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं। कई क्षेत्रों में रूस के हमले के बाद की स्थिति से निपटने के लिए काम चल रहा है। जेलेंस्की ने कहा कि यह पुष्टि हो चुकी है कि रूस ने रातोंरात यूक्रेन के खिलाफ 470 से ज़्यादा हमलावर ड्रोन और विभिन्न प्रकार की 48 मिसाइलें दागीं। इनमें एक बैलिस्टिक और बाकी क्रूज़ मिसाइलें हैं। जेलेंस्की ने कहा कि टेर्नोपिल में नौ मंजिला आवासीय इमारतों को निशाना बनाया गया, जिससे आग लग गई। काफी नुकसान हुआ है और मलबे में लोग फंसे हो सकते हैं। जरूरी आवश्यक सेवाएं वहां मौजूद हैं, हर जान बचाने की कोशिश की जा रही है। 
 
खारकीव पर भी बड़ा हमला : जेलेंस्की ने कहा कि  शाम को ही हमारे खारकीव शहर पर भी एक बड़ा हमला हुआ। शहर में दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। ऊर्जा सुविधाएं, परिवहन और नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। इवानो-फ्रैंकिवस्क क्षेत्र में हमारे ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर भी हमला किया गया। डोनेट्स्क क्षेत्र में एक व्यक्ति घायल हुआ। उन्होंने कहा कि कीव, मायकोलाइव, चर्कासी, चेर्निहिव और द्निप्रो क्षेत्रों पर भी हमला हुआ।
 
यह हमला जेलेंस्की द्वारा इस सप्ताह तुर्की की यात्रा की घोषणा के एक दिन बाद हुआ है ताकि रूस के लगभग चार साल पुराने आक्रमण को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा सके। तुर्की ने पहले दोनों देशों के बीच सीमित वार्ता की मेजबानी की थी, जिसमें केवल कैदियों की अदला-बदली ही उल्लेखनीय प्रगति थी और अमेरिका के नेतृत्व में व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रयासों  के बावजूद अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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