चार लेयर की सिक्योरिटी, 300 पुलिसकर्मी... मस्जिद की किले जैसी सुरक्षा तोड़ी, पेशावर में फिदायीन हमलावर ने ली 61 जान

Webdunia
सोमवार, 30 जनवरी 2023 (23:38 IST)
पेशावर। पाकिस्तान में अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में खचाखच भरी एक मस्जिद में सोमवार को दोपहर की नमाज की दौरान एक तालिबान आत्मघाती हमलावर द्वारा विस्फोट कर खुद को उड़ा लेने से कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई जबकि 150 से अधिक अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 4 स्तरीय सुरक्षा और 300 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में यह हमला हुआ है।
 
अधिकारियों ने बताया कि अपराह्न 1 बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन्स क्षेत्र के समीप जब नमाजी ज़ुहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे तब अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। उनके अनुसार विस्फोट के बाद मस्जिद की छत नमाजियों पर गिर गई। उनके मुताबिक नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे।
 
लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 61 लोगों की जान चली गई है जबकि 157 अन्य घायल हुए हैं। घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी एवं सुरक्षा अधिकारी हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा कि यह आत्मघाती हमला अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में मार दिए गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरसानी की मौत का बदला है।
 
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से मस्जिद का एक हिस्सा ढ़ह गया और माना जाता है कि कई लोग उसके मलबे के नीचे दबे हैं। बचाव अभियान के प्रभारी बिलाल फैजी ने कहा कि फिलहाल हमारा ध्यान बचाव अभियान पर है। हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है।
 
पुलिस के अनुसार बम हमलावर पुलिस लाइन्स के अंदर, 4 स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुस गया। प्रांतीय पुलिस प्रमुख मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा है कि पुलिस विस्फोट की जांच कर रही है और यह पता लगा रही है कि बम हमलावर इस अति सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा।
 
उन्होंने आशंका प्रकट की कि धमाके से पहले बम हमलावर पुलिस लाइंस में रह रहा हो क्योंकि पुलिस लाइंस के अंदर फैमिली क्वाटर्स भी हैं। पेशावर पुलिस, आतंकवाद निरोधक विभाग, फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, इलीट फोर्स एवं संचार विभाग के मुख्यालय भी इसी विस्फोट स्थल के आसपास हैं।
 
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा के लिए पेशावर पहुंचे। प्रधानमंत्री यहां सेना प्रमुख के साथ लेडी रीडिंग अस्पताल भी गए और घायलों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। गृहमंत्री राणा सनाउतुल्लाह एवं अन्य अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।
 
प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलाई जहां प्राथमिक जांच रिपोर्ट पेश की गई। पुलिस महानिरीक्षक अंसारी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बम हमलावर कहां से आया है और कैसे वह पुलिस लाइंस के अंदर आ गया। पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाहजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि जब नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में वह दाखिल ही हुए थे तभी यह धमाका हुआ लेकिन सौभाग्य से उनकी जान बच गई। उनका कार्यालय मस्जिद के समीप ही है।
 
पुलिस अफसर (पेशावर) मुहम्मद इजाज खान ने बताया कि धमाके के समय इलाके में 300-400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि सुरक्षा चूक हुई है। पुलिस लाइंस में शाम को 27 मृतकों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह कहते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की कि इस घटना के पीछे जिन हमलावरों का हाथ है, उनका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि आतंकवादी उन लोगों को निशाना बनाकर डर पैदा करना चाहते हैं जो पाकिस्तान की रक्षा करने का कर्तव्य निभाते हैं। उन्होंने कहा कि विस्फोट में मारे गए लोगों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि समूचा राष्ट्र आतंकवाद की इस बुराई के विरूद्ध लड़ाई में एकजुट है। शरीफ ने कहा कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुकाबला करने के लिए समग्र रणनीति अपनाई जाएगी तथा संघीय सरकार प्रातों को उनकी आतंकवाद विरोधी क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी।
 
विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी यह कहते हुए इस हमले की निंदा की कि स्थानीय और आम चुनाव से पहले आतंकवादी घटनाओं का साफ मतलब है। खैबर पख्तून के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने विस्फोट की निंदा की और लोगों से घायलों के वास्ते रक्तदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह पुलिस के प्रति बहुत बड़ी मेहरबानी होगी। अधिकारियों ने बताया कि शवों एवं घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया।
 
पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इस्लामाबाद में आने -जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और महत्वपूर्णस्थानों एवं भवनों पर अचूक निशानेबाज (स्नीपर्स) तैनात किए गए हैं।
 
कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख खान ने ट्वीट किया कि जिन लोगों की जान गई है, उनके परिवारों और जो लोग घायल हुए हैं, उनके प्रति मेरे गहरी संवेदना है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि हम खुफिया सूचना संग्रहण में सुधार लाएं और पुलिस बलों को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त रूप से मजबूत बनाएं।
 
पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गई थी। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है। उस पर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरिएट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल रहने का आरोप है। बताया जाता है कि वह अल कायदा का करीबी है।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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