सिंगापुर। फोर्ब्स की एशिया की परमार्थ कार्य करने वाले नायकों की सूची में भारत के अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी, शिव नादर और अशोक सूता के साथ-साथ मलेशियाई-भारतीय कारोबारी ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी अधिवक्ता पत्नी शांति कंडिया को शामिल किया गया है।
फोर्ब्स द्वारा जारी बयान में कहा कि बिना किसी रैंकिंग वाली इस सूची में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अग्रणी परोपकारी कार्य करने वाले लोगों को शामिल किया जाता है।
दुनिया के दूसरे नंबर के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडाणी ने इस साल जून में 60 साल की उम्र पूरी होने पर 60,000 करोड़ रुपए (7.7 अरब डॉलर) परमार्थ कार्यों पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके बाद उन्हें इस सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही वह भारत के प्रमुख परोपकारी कार्य करने वाले व्यक्ति बन गए हैं।
यह पैसा स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास पर खर्च किया जाएगा। परमार्थ कार्यों पर यह राशि अडाणी फाउंडेशन के माध्यम से खर्च की जाएगी। अडाणी फाउंडेशन का गठन 1996 में किया गया था। हर साल यह फाउंडेशन भारत में 37 लाख लोगों की मदद करता है।
अपनी मेहनत से अरबपति बने शिव नादर देश के प्रमख दानदाताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम एक दशक के दौरान एक अरब डॉलर परमार्थ कार्यों में लगाए हैं। इस साल उन्होंने फाउंडेशन को 11,600 करोड़ रुपए (14.2 करोड़ डॉलर) का दान दिया है। इस फाउंडेशन की स्थापना 1994 में हुई थी। नादर ने एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सह-स्थापना की थी। उन्होंने फाउंडेशन की मदद से कई शैक्षणिक संस्थानों...मसलन स्कूलों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की है।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज अशोक सूता ने चिकित्सा अनुसंधान क्षेत्र के न्यास को 600 करोड़ रुपए (7.5 करोड़ डॉलर) देने की प्रतिबद्धता जताई है। इस न्यास का गठन उन्होंने 2021 में किया था।