मुंबई। उद्योगपति गौतम अडाणी ने बुधवार को यहां महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। हालांकि यह नहीं बताया गया कि अडाणी समूह के चेयरमैन और शिवसेना प्रमुख के बीच बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई। अडानी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है। ऐसे में इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे द्वारा उनके खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने और जून में पार्टी के 39 विधायकों को तोड़ लेने के बाद ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री का पद संभाला था। शिवसेना के दोनों प्रतिद्वंद्वी खेमे पार्टी पर अधिकार को लेकर कानूनी लड़ाई में उलझे हैं।
उद्धव की भाजपा को चुनौती : शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को आगामी मुंबई नगर निकाय चुनाव में भाजपा को उनकी पार्टी को हराने की चुनौती दी और कहा कि मुंबई के साथ शिवसेना का संबंध अटूट है। उन्होंने भाजपा पर 1.54 लाख करोड़ रुपए की वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना के बारे में 'झूठ बोलने' का भी आरोप लगाया, जिसे गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया है।
गोरेगांव उपनगर में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार इस परियोजना को भाजपा शासित राज्य में स्थानांतरित करने के बाद भारी प्रोत्साहन दे रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी पार्टी से मुंबई निकाय चुनावों में शिवसेना को उसकी जगह दिखाने के लिए कहा है। मैं आपको इसे आजमाने की चुनौती देता हूं। शहर के साथ शिवसेना का रिश्ता अटूट है और पार्टी आम मुंबईवासियों के दैनिक जीवन से गहराई से जुड़ी हुई है। जब भी आवश्यकता होती है, हम उनकी मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं। ठाकरे ने शिवसेना की पूर्व सहयोगी भाजपा से लोगों को यह बताने के लिए कहा कि महानगर के निर्माण में उसका क्या योगदान है।
ठाकरे ने वंशवाद की राजनीति के लिए उन्हें निशाना बनाने को लेकर भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि मुझे संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भाग लेने वाले अपने परिवार पर गर्व है। ठाकरे ने राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में कोविड महामारी के दौरान भ्रष्टाचार के भाजपा के आरोपों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर जानें बचाना भ्रष्टाचार है तो हमने यह किया है।