धौंस जमाने वाले चीनी रवैए से अमेरिका चिंतित, कहा- वह हमेशा अपने सहयोगियों के साथ खड़ा रहेगा

Webdunia
मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021 (19:22 IST)
वॉशिंगटन। भारत-चीन सीमा गतिरोध पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने पड़ोसी देशों पर धौंस जमाने के चीन के लगातार जारी प्रयासों पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह इन हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है। नए बाइडन प्रशासन में एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अमेरिका सामरिक रूप से अहम हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ खड़ा रहेगा।
 
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की प्रवक्ता एमिली जे. होर्न ने कहा कि हमने हालात पर करीब से नजर बना रखी है। भारत तथा चीन की सरकारों के बीच चल रही वार्ता की हमें जानकारी है और हम सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सीधी वार्ता का समर्थन करना जारी रखेंगे।
ALSO READ: H-1b वीजाधारकों को राहत, बाइडन ने पलटा ट्रंप प्रशासन का फैसला
होर्न भारत के क्षेत्रों में घुसपैठ कर उन पर कब्जा जमाने के चीन के हाल के प्रयासों से संबंधित सवालों का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा पड़ोसियों को डराने-धमकाने के निरंतर प्रयासों से अमेरिका चिंतित है। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में साझा समृद्धि, सुरक्षा एवं मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए हम अपने मित्रों, साझेदारों और सहयोगियों के साथ खड़े रहेंगे।
 
जो बाइडन के अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर 20 जनवरी को पदभार संभालने के बाद से भारत-चीन के बीच सीमा पर हुई झड़पों के संबंध में यह बाइडन प्रशासन की पहली प्रतिक्रिया है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले साल 5 मई से सैन्य गतिरोध चल रहा है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य एवं राजनयिक स्तर पर कई दौर की वार्ता हुई है लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
ALSO READ: बाइडन के शपथ ग्रहण करते ही चीन ने ट्रंप प्रशासन के 30 अधिकारियों पर लगाई पाबंदी
चीन का दक्षिण एवं पूर्वी चीन सागर में कई अन्य देशों के साथ जलक्षेत्र को लेकर भी विवाद चल रहा है। चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कृत्रिम द्वीप पर सैन्य क्षमता बढ़ा ली है। चीन समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना अधिकार जताता है लेकिन वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताईवान भी इस पर दावा करते हैं, वहीं पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ विवाद चल रहा है।
ALSO READ: आते ही बाइडन ने लिए 8 बड़े फैसले, जो दुनिया पर डालेंगे असर
दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संपदा की प्रचुरता है। यह क्षेत्र वैश्विक कारोबार के लिए भी महत्वपूर्ण है। हालांकि अमेरिका इन विवादित जलक्षेत्रों पर कोई दावा पेश नहीं करता लेकिन उसने दक्षिण चीन सागर में मुक्त नौवहन तथा विमानों से गश्त की आजादी के लिए अपने जंगी जहाजों तथा लड़ाकू विमानों की तैनाती कर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन के दावों को चुनौती दी है।
 
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले हफ्ते संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि देश के हितों की रक्षा के लिए सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है और सतर्क भी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती भी की गई है। सरकार देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

CM सिद्धारमैया ने बताई अपनी प्रेम कहानी, क्या उन्हें मिल पाया अपना प्यार?

गर्मी ने बढ़ाया पानी का संकट, जलाशयों के जल स्तर में भारी गिरावट

मैं ठीक हूं, बुद्धि का इस्तेमाल करें भाजपा नेता : नवीन पटनायक

गोलगप्पों के लिए खूनी खेल, घर की छत से चली ताबड़तोड़ गोलियां, वीडियो हुआ वायरल

Porsche car accident Pune: सबूत छिपाने की कोशिश, आरोपी का पिता न्यायिक हिरासत में

anantnag loksabha election : अनंतनाग में मतदान, क्यों भड़कीं PDP नेता महबूबा मुफ्ती?

live : राष्‍ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किया मतदान, उपराष्‍ट्रपति धनखड़ ने भी डाला वोट

Lok Sabha Elections : PM मोदी ने की मतदान की अपील, बोले- एक-एक वोट मायने रखता है...

छठे चरण के लिए 58 सीटों पर मतदान का उत्साह, इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

ताइवान को आंख दिखाकर आखिर चीन क्या हासिल करना चाहता है?

अगला लेख