कृत्रिम आंखों से दूर होगा धुंधलापन

Webdunia
शनिवार, 24 फ़रवरी 2018 (18:25 IST)
न्यूयॉर्क। इंसान की आंखों से प्रेरित होकर वैज्ञानिकों ने इसके अनुकूल एक मेटालेंस विकसित किया है जो सपाट और इलेक्ट्रॉनिक रूप से नियंत्रित कृत्रिम आंख है। यह मेटालेंस धुंधली तस्वीरों का कारण बनने वाली तीन प्रमुख चीजों - फोकस, दृष्टि विषमता और छवि में बदलाव - को एक साथ नियंत्रित करती है।

यह अध्ययन ‘साइंस अडवांसेज’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के जरिए सेल फोन कैमरों, चश्मों और आभासी एवं संवर्धित वास्तविकता वाले हार्डवेयरों सहित कई तरह के अनुप्रयोगों के लिए ऑटोफोकस और व्यवस्थित किए गए ऑप्टिकल ज़ूम की व्यवहार्यता प्रदर्शित की गई है।

अमेरिका की हावर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंसेज से जुड़ी एलेन शी ने बताया कि यह शोध कृत्रिम मांसपेशी तकनीक और मेटालेंस तकनीक में सफलता का मिलाजुला रूप है, जिसका मकसद एक ऐसा मेटालेंस बनाना है जो वास्तविक समय में अपना फोकस बदल सके, जैसे कि इंसान की आंखें बदलती हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

चुनाव रिजल्‍ट के एक दिन पहले सीएम हेमंत सोरेन के सिर में पत्‍नी कल्‍पना ने की चंपी, तस्‍वीरें हुईं वायरल

राहुल गांधी बोले, वायु प्रदूषण नेशनल इमरजेंसी, बर्बाद कर रही है जिंदगी

LIVE: आसाराम की याचिका पर SC ने गुजरात सरकार से मांगा जवाब

पनडुब्बी से टकराया मछली पकड़ने वाला जहाज, नौसेना ने बचाई 11 की जान

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

अगला लेख