क्या 'चिट्‍ठी' के जरिए बीजिंग में Coronavirus फैला?

Webdunia
बुधवार, 16 मार्च 2022 (20:25 IST)
नई दिल्ली। चीन के एक हालिया अध्ययन ने डाक से भेजे गए पत्र के जरिए बीजिंग में कोरोनावायरस (Coronavirus) के ओमिक्रोन स्वरूप (Omicron)  के प्रसार का पता लगाया है। हालांकि, विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा है कि वायरस के संक्रमण का प्रमुख मार्ग अब भी हवा के जरिए प्रसार है।
 
बीजिंग में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि इस जनवरी में पत्र की सतह पर पाया गया वायरस का ओमिक्रोन स्वरूप चीन में अन्य मामलों से आनुवंशिक रूप से अलग था, लेकिन दक्षिण पूर्व एशिया और उत्तरी अमेरिका के मामलों से जुड़ा हुआ था। शोधकर्ताओं ने स्वतंत्र तौर पर अभी इस अध्ययन की समीक्षा नहीं की है।
 
प्रतिरक्षा विज्ञानी सत्यजीत रथ ने सतह के जरिए संक्रमण फैलने की आशंका को दूर करते हुए कहा कि यह अध्ययन दिलचस्प है, लेकिन यह सार्स सीओवी-2 संक्रमण के ‘सतह’ के जरिए प्रसार के लिए समुचित रूप से मजबूत मामला नहीं बनाता है।
 
राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (एनआईआई) से जुड़े रथ ने बताया कि साक्ष्य जुटाने में शामिल समय अवधि में काफी अंतराल है। इसलिए मैं इस अध्ययन को सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियां बनाने के आधार के रूप में मानने के बारे में सतर्कता बरतना चाहूंगा।
 
अन्य विशेषज्ञों ने भी सहमति जताई कि सतह के जरिए संक्रमण के प्रसार से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन हवा के जरिए प्रसार ही संक्रमण के प्रसार का प्राथमिक स्रोत है। विषाणु विज्ञानी और जीनोम अनुक्रमण विशेषज्ञ अनुराग अग्रवाल के अनुसार, ‘दुर्लभ चीजें’ हमेशा हो सकती हैं। अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए हवा के जरिए संक्रमण के प्रसार को लेकर ही मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को जारी रखना चाहिए।
 
महामारी की शुरुआत के बाद से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बंबई में अपने सहयोगी अमित अग्रवाल के साथ कोविड ट्रांसमिशन का अध्ययन कर रहे रजनीश भारद्वाज ने कहा कि भारत और अमेरिका जैसे देशों में सामुदायिक प्रसार के मामलों में हवाई ट्रांसमिशन अब भी ओमिक्रोन संक्रमण का एक प्रमुख माध्यम है।
 
सीडीसी बीजिंग के अध्ययन के अनुसार, इस साल 15 जनवरी को बीजिंग के हैदियान जिले में 26 वर्षीय महिला दो दिनों तक अत्यधिक थकान और बुखार की शिकायत के बाद कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाई गईं। सीडीसी ने बाद में परिणाम की पुष्टि की। जांच में महिला के ओमिक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
 
अगले सात दिनों में महिला के करीबी संपर्क में आए 5 और लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। अध्ययन के लेखकों के मुताबिक बीजिंग में एक जगह ओमिक्रोन के इतने मामलों का पहली बार पता चला।
 
रथ का मानना है कि यह रिपोर्ट मौजूदा धारणा से अलग नहीं है कि इस तरह के संक्रमण के प्रसार की आशंका बहुत कम है। रथ ने कहा कि इस तरह से सतह के जरिए संक्रमण फैलने की आशंका रहती है और चूंकि सार्स सीओवी-2 के उपस्वरूप लंबे समय तक टिके रहते हैं ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए।
 
पिछले साल अप्रैल में ‘द लांसेट’ में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि यह साबित करने के लिए मजबूत सबूत हैं कि सार्स सीओवी-2 वायरस मुख्य रूप से हवा के माध्यम से प्रसारित होता है।
 
विशेषज्ञों का यह भी मानना ​​है कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से उत्पन्न होने वाली छोटी-छोटी बूंदें एक सतह पर फैल सकती हैं जो संक्रमण के स्रोत के रूप में काम कर सकती हैं। (भाषा)

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