कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए पीएम मोदी ने कभी नहीं की ट्रंप से बात

Webdunia
मंगलवार, 23 जुलाई 2019 (07:10 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की सोमवार को पेशकश की। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में ट्रंप से पहली बार मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि यदि दोनों देश कहेंगे तो वे मदद के लिए तैयार हैं। हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय ने मध्यस्थता के मुद्दे को सिरे से नकार दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के उस बयान से साफ इं‍कार किया जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे मोदी ने मध्यस्थता के लिए कहा था। भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि मोदी ने कभी नहीं कहा कि कश्मीर मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थता करें।
 
ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री खान के साथ अपनी बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा। अगर मैं मदद करने के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मुझे बताएं।
 
ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि वे (भारतीय) इसे हल होते हुए देखना चाहेंगे। मुझे लगता है कि आप (खान) इसे हल होते हुए देखना चाहेंगे। और अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ बनना पसंद करूंगा। यह होना चाहिए। हमारे पास दो अविश्वसनीय देश हैं, जो होशियार नेतृत्व के साथ बहुत होशियार हैं (और वे) इस तरह की समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं तो मैं ऐसा करने को तैयार हूं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने खान से कहा कि भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। मैं जानता हूं कि आपका रिश्ता (भारत के साथ) थोड़ा तनावपूर्ण है, शायद बहुत कुछ। लेकिन हम भारत के बारे में बात करेंगे। (यह) आज हमारी बातचीत का एक बड़ा हिस्सा है और मुझे लगता है कि शायद हम मध्यस्थता करने में मदद कर सकते हैं और हमें जो करना है वह कर सकते हैं। हम भारत और अफगानिस्तान दोनों के बारे में बात करेंगे।
 
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में ट्रंप के साथ बैठे खान ने कहा कि वे तैयार हैं और उन्होंने अमेरिका के इस तरह के कदम का स्वागत किया। उन्होंने ट्रंप से कहा कि यदि आप (कश्मीर पर) मध्यस्थता कर सकते हैं तो 1 अरब से अधिक लोगों की प्रार्थना आपके साथ है। भारत का कहना है कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका ही नहीं है।
 
भारत जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते।
 
खान के साथ पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, इंटरसर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित अन्य व्यक्ति थे।
 
इस वर्ष के शुरू में कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया। बढ़ते आक्रोश के बीच भारतीय वायुसेना ने एक आतंकवाद निरोधक अभियान चलाते हुए 26 फरवरी को पाकिस्तान के भीतर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था।
 
विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान : ट्रंप ने कहा कि मुझे मोदी ने मध्यस्थता के लिए कहा था लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान देते हुए साफ कहा कि मोदी ने कभी नहीं कहा कि कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप मध्यस्थता करें।
 
भारत के विदेश मंत्रालय का कहना था कि आतंकवाद का खात्मा होने के बाद ही पाकिस्तान से कश्मीर मुद्दे पर द्विपक्षीय बातचीत होगी। भारत ने साफ किया कि वे इस मुद्दे पर द्वीपक्षीय वार्ता से समस्या को सुलझा लेगा, उसे किसी तीसरे देश की मध्यस्थता कबूल नहीं है।
 
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि शायद ट्रंप को कुछ बातें समझने में कहीं कोई चूक हुई है। मोदी ने उनसे कभी नहीं कहा कि वे मध्यस्थता करें। इस बारे में व्हाइट हाउस से भी कोई बयान जारी नहीं किया गया है। 
 
ट्रंप से मध्यस्थता के लिए कहना देश से विश्वासघात : कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से मध्यस्थता का आग्रह करने से जुड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर कांग्रेस ने सोमवार रात मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह देश के साथ विश्वासघात है जिस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।
 
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया। किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री देश को जवाब दें।
 
खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने कहा कि मोदी 2 हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी।

ट्रंप ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि भारत हल चाहता है और पाकिस्तान भी। यह मसला 70 साल से चल रहा है। मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी। 

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