दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन का कैसे चलता है खर्च, नए पोप कैसे बढ़ा सकते हैं आमदनी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 7 जून 2025 (19:57 IST)
How the Vatican spends its money: दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन (Vatican) के सामने बजट की बड़ी समस्या है। वेटिकन अपने निवासियों पर कर नहीं लगाता है या बॉण्ड जारी नहीं करता है। रोमन कैथोलिक चर्च (Roman Catholic Church) की केंद्रीय सरकार मुख्य रूप से दान से चलती है जिसमें लगातार गिरावट हो रही है। इसके अलावा वैटिकन संग्रहालयों के लिए टिकट बिक्री, निवेश से होने वाली आय और रियल एस्टेट (real estate) से कुछ आमदनी हो जाती है।ALSO READ: पोप लियो ने यूक्रेन में शांति, गाजा संघर्षविराम और बंधकों की रिहाई का किया आह्वान
 
2.2 करोड़ डॉलर में एक तिहाई से अधिक का योगदान अमेरिकी बिशपों ने दिया : रोमन कैथोलिक चर्च और वेटिकन सिटी की केंद्रीय प्रशासनिक संस्था 'होली सी' के मुताबिक 2021 में उसकी आमदनी 87.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी। हालांकि खर्च इससे ज्यादा था। पोप लियो 14वें के सामने सबसे बड़ी चुनौती वेटिकन को घाटे से बाहर निकालने की है। कोई भी वेटिकन को पैसे दान कर सकता है, लेकिन नियमित स्रोत 2 मुख्य रूपों में आते हैं। कैनन कानून के अनुसार दुनियाभर के बिशपों को वार्षिक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। वेटिकन के आंकड़ों के अनुसार सालाना एकत्र किए गए 2.2 करोड़ डॉलर में एक तिहाई से अधिक का योगदान अमेरिकी बिशपों ने दिया।
 
वार्षिक दान का दूसरा मुख्य स्रोत आम कैथोलिकों के लिए अधिक जाना-पहचाना है- 'पीटर्स पेंस'। यह एक विशेष संग्रह है, जो आमतौर पर जून के आखिरी रविवार को लिया जाता है। अमेरिका से इस मद में औसतन 2.7 करोड़ डॉलर मिले, जो वैश्विक संग्रह के आधे से अधिक है। हालांकि इसमें लगातार गिरावट हो रही है।

वेटिकन के अपने संस्थान लगातार अपना अंशदान कम कर रहे : वेटिकन के अपने संस्थान भी लगातार अपना अंशदान कम कर रहे हैं। कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका के बिजनेस स्कूल में चर्च प्रबंधन कार्यक्रम के निदेशक रॉबर्ट गहल ने कहा कि लियो को अमेरिका के बाहर से दान जुटाना होगा, जो कोई छोटा काम नहीं है। उन्होंने कहा कि यूरोप में व्यक्तिगत रूप से परोपकार की परंपरा (और कर लाभ) बहुत कम है।ALSO READ: Vatican में नए Pope का हुआ चुनाव, रॉबर्ट प्रीवोस्ट बने पहले अमेरिकी पोप
 
वेटिकन के पास इटली में 4,249 संपत्तियां : वेटिकन के पास इटली में 4,249 संपत्तियां हैं। इसके अलावा लंदन, पेरिस, जिनेवा और स्विट्जरलैंड में 1,200 से अधिक संपत्तियां हैं। इनका लगभग 5वां हिस्सा ही उचित बाजार मूल्य पर किराए पर दिया जाता है। लगभग 70 प्रतिशत से कोई आय नहीं होती है, क्योंकि उनमें वेटिकन या अन्य चर्च कार्यालय हैं। बाकी 10 प्रतिशत को वेटिकन कर्मचारियों को कम किराए पर दिया जाता है। वर्ष 2023 में इन संपत्तियों से केवल 3.99 करोड़ डॉलर का लाभ हुआ।
 
अमेरिका स्थित पापल फाउंडेशन के अध्यक्ष वार्ड फिट्जगेराल्ड ने कहा कि वेटिकन को भी कुछ संपत्तियां बेचने के लिए तैयार रहना चाहिए जिनका रखरखाव करना बहुत महंगा है। चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में चर्च जाने वाले कैथोलिकों की संख्या घट रही है और कभी भरे रहने वाले चर्च खाली हो गए हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

राम मंदिर के प्रसाद के नाम पर अमेरिका में ठगी, लूटें 10.49 करोड़, चौंका देगी ये रिपोर्ट

महाराष्ट्र की राजनीति में होगा धमाका, उद्धव और राज ठाकरे ने साथ आने के दिए संकेत

मोदी जी! मेरा तो डिमोशन हो गया, उम्मीद है आप जल्द फैसला लेंगे

ट्रंप को झटका, हार्वर्ड मामले में अमेरिकी जज ने दी विदेशी छात्रों को राहत

जानिए कैसा होगा चिनाब ब्रिज से होकर जाने वाली कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस का सफर

सभी देखें

नवीनतम

रूस ने अंतरिक्ष स्टेशन से यान प्रक्षेपित करने संबंधी तकनीक का कराया पेटेंट, जानें क्या होगा लाभ

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, शिमला के अस्पताल में भर्ती

Eid ul-Adha 2025 : गाय दिखाकर बकरीद की मुबारकबाद, गिरफ्तारी की उठी मांग, पोस्ट डिलीट कर मांगी माफी, पढ़िए क्या है पूरा मामला

जयशंकर की खरी खरी, भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा

थर्ड पार्टी Insurance हो सकता है महंगा, 18 से 25% तक की हो सकती है बढ़ोतरी, IRDAI ने सरकार के पाले में फेंकी गेंद

अगला लेख