ईरान की 'डांसिंग मिसाइल' ने मचाई तबाही, इजरायल का आयरन डोम बेबस!

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 20 जून 2025 (13:11 IST)
आयरन डोम की नाकामी : इजरायल की आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग, और एरो-3 जैसी बहुस्तरीय रक्षा प्रणालियां छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों को रोकने में सक्षम हैं। हालांकि, ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइलों ने इन प्रणालियों को भेदने में सफलता हासिल की। 13 जून से 18 जून तक ईरान ने इजरायल पर लगभग 400 बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे, जिनमें से कुछ तेल अवीव और बीरशेवा जैसे शहरों में गिरीं। इन हमलों में 24 लोगों की मौत और 804 लोग घायल हुए। बीरशेवा के सोरोका अस्पताल पर हुए हमले ने इजरायल को हिलाकर रख दिया, जहां आयरन डोम मिसाइलों को रोकने में नाकाम रहा। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने 'सैचुरेशन अटैक' रणनीति अपनाई, जिसमें एक साथ सैकड़ों मिसाइलें दागकर रक्षा प्रणालियों पर दबाव डाला गया। इससे आयरन डोम और अन्य प्रणालियां ओवरलोड हो गईं।

एक इजरायली अधिकारी ने 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' को बताया कि इजरायल के पास लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकने वाले इंटरसेप्टर्स का भंडार तेजी से कम हो रहा है और यह केवल 10-12 दिन तक चल सकता है। ईरान-इजरायल युद्ध में इजरायल को हर दिन 17.32 अरब रुपयों का नुकसान हो रहा है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "ईरान जानबूझकर हमारे नागरिकों और अस्पतालों को निशाना बना रहा है। हम तेहरान में बैठे अत्याचारियों से इसकी पूरी कीमत वसूलेंगे।"

इजरायल का पलटवार : इजरायल ने भी 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए। 13 जून को शुरू हुए इस अभियान में इजरायली वायुसेना ने तेहरान, नतांज, और इस्फहान जैसे शहरों में परमाणु केंद्रों, मिसाइल बेसों, और सैन्य अड्डों को निशाना बनाया। सैटेलाइट तस्वीरों में तबरीज और करमानशाह के मिसाइल बेस खंडहर में तब्दील दिखाई दिए। ईरान के कई शीर्ष सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।

ईरान ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के हस्तक्षेप से "पूर्ण युद्ध" छिड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ईरान ने बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन अब "बहुत देर हो चुकी है।" इस बीच, क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ रही है, और जॉर्डन जैसे देशों ने अपने हवाई क्षेत्र को फिर से खोल दिया है।

ईरान की 'डांसिंग मिसाइल' ने इजरायल की रक्षा प्रणालियों की सीमाओं को उजागर कर दिया है। आयरन डोम, जो पहले 90% से अधिक सफलता दर का दावा करता था, अब हाइपरसोनिक मिसाइलों के सामने कमजोर पड़ रहा है। दूसरी ओर, इजरायल की आक्रामक रणनीति ने ईरान की सैन्य क्षमता को भी कमजोर किया है। लेकिन यह युद्ध क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन रहा है। अगर यह टकराव बढ़ता है, तो मध्य पूर्व में और व्यापक तबाही मच सकती है।
Edited By: Navin Rangiyal

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