Iran Israel War : क्या अमेरिकी हमले के बाद ईरान को परमाणु हथियार मिल सकते हैं, रूस का दावा- डोनाल्ड ट्रंप ने कर लिया भारी नुकसान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 22 जून 2025 (18:12 IST)
अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर शनिवार की देर रात B-2 बॉम्बर से हमले किए। अमेरिका का दावा है कि उसने फोर्डो, नतांज और इस्फहान में मौजूद न्यूक्लियर साइट तबाह कर दी है, लेकिन ईरान ने कहा कि उसे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि वह सोमवार को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करेंगे।

उधर रूस के पूर्व राष्ट्रपति और रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने दावा किया कि कई देश ईरान को सीधे अपने परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारी नुकसान कर लिया है।   
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अमेरिकी मिशन का नाम ऑपरेशन मिडनाइट     
ईरान के परमाणु ठिकाने पर अमेरिकी हमले वाले मिशन का नाम 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' रखा गया था। इस बात की जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने दी है। पेंटागन ने बताया कि हमारे हमले में कोई जनहानि नहीं हुई है. हमने सिर्फ परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर 9 बम गिराए। इससे ईरान के तीनों परमाणु ठिकाने तबाह हो गए।
 
पुतिन नहीं करेंगे डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत
ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हुई अमेरिका की बमबारी के बाद, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। क्रेमलिन ने रविवार को यह जानकारी दी। क्रेमलिन (रूसी सरकार का मुख्यालय) के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा, ‘‘ऐसी कोई योजना नहीं है।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर यथाशीघ्र फोन कॉल की व्यवस्था की जा सकती है।
 
पेसकोव की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब उनसे रविवार को ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले के बाद ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत होने की संभावना के बारे में पूछा गया।
 
अमेरिका ने ईरान के फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, जिसका उद्देश्य देश के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने जवाबी कार्रवाई की तो और हमले किए जाएंगे। रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एवं सांसद लियोनिद स्लतस्की का मानना ​​है कि सैन्य दृष्टिकोण से, ईरान पर अमेरिका के हमले का कोई आधार या औचित्य नहीं था।
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स्लतस्की ने संवाददाताओं से कहा कि ट्रंप को इराक की तरह ही ईरान में भी शासन परिवर्तन की कोशिश में शामिल किया गया है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने कहा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा, क्योंकि उसका मानना ​​है कि अमेरिकी हमलों से उसके महत्वपूर्ण ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा, ‘‘ईरान में तीन जगहों पर हमला करके अमेरिकियों ने क्या हासिल किया है? ऐसा लगता है कि परमाणु प्रतिष्ठानों को बिल्कुल भी या थोड़ा भी नुकसान नहीं हुआ।

ईरान ने कहा- लेंगे हमले का बदला
ईरान ने अपने तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका द्वारा की गई बमबारी का बदला लेने का संकल्प लेते हुए रविवार को कहा कि अमेरिकी हमलों के ‘ दीर्घकालिक परिणाम’  होंगे। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची की यह प्रतिक्रिया उसके तीन परमाणु प्रतिष्ठानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान में अमेरिका द्वारा बी2 बमवर्षकों के जरिये घातक ‘बंकर बस्टर’ बम गिराए जाने के कुछ घंटों बाद आई।
 
अरागची ने कहा कि अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण तरीके से संचालित हो रहे परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर संयुक्त राष्ट्र घोषाणा पत्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का ‘‘गंभीर उल्लंघन’’ किया है। उन्होंने कहा कि आज सुबह की घटनाएं अपमानजनक हैं और इनके दीर्घकालिक परिणाम होंगे। संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य को इस अत्यंत खतरनाक, अराजक और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए।’’
 
ईरानी समाचार एजेंसी तस्नीम की खबर के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश अपनी ‘‘संप्रभुता, हित और लोगों’’ की रक्षा के लिए ‘‘सभी विकल्प’’ सुरक्षित रखे हुए है। अरागची ने कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मॉस्को जा रहे हैं।
 
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने कहा कि अमेरिकी हमले ने ईरान को आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का वैध अधिकार दिया है, जिसमें ‘‘आक्रामक गठबंधन के आकलन से भी परे जाने का विकल्प’’ भी शामिल हैं। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma

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