Israel-Hamas War : हमास के हमले में भारतीय मूल की 2 महिला सुरक्षा अधिकारियों की मौत, नेपाली छात्र को बनाया बंधक

Webdunia
सोमवार, 16 अक्टूबर 2023 (00:10 IST)
Israel-Hamas War : हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इसराइल के दक्षिणी इलाके में किए गए भयावह हमले में भारतीय मूल की कम से कम 2  इसराइल की महिला सुरक्षा अधिकारी मारी गई हैं। आधिकारिक सूत्रों और समुदाय के लोगों ने रविवार को इसकी पुष्टि की। आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि 7 अक्टूबर को हमास की ओर से किए गए हमले में अशदोद के होम फ्रंट कमान की कमांडर 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट ऑर मोसेस तथा पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की सीमा पुलिस अधिकारी निरीक्षक किम डोकरकर मारी गई हैं।
 
ऐसा कहा जा रहा है कि इन दोनों महिला अधिकारियों की मौत संघर्ष के दौरान लड़ते हुए हुई है।
 
सेना के अधिकारियों के मुताबिक, युद्ध में अब तक सेना के 286 जवान और 51 पुलिस अधिकारी मारे गए हैं। समुदाय के कई सदस्यों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि और भी पीड़ित हो सकते हैं, क्योंकि इसराइल  मृतकों की पहचान की पुष्टि कर रहा है और लापता या संभवत: अपहृत लोगों की तलाश कर रहा है।
 
समुदाय की 24 वर्षीय महिला शहाफ टॉकर अपने दोस्त के साथ बच हमले में बाल-बाल गई थी। उन्होंने अपने दादा के माध्यम से ‘पीटीआई को अपनी आपबीती बताई।
 
शहाफ के दादा याकोव 1963 में 11 साल की उम्र में मुंबई से जाकर इसराइल  में बस गए थे। उन्होंने बताया कि उनकी पोती अब भी सदमे में है और मानसिक पीड़ा के कारण बोलने में असमर्थ है, इसलिए उसने सोचा कि लिखित में बताने से उसका तनाव कुछ कम हो जाएगा।
याकोव उत्तरी इसराइल के पेताह टिकवा में रहते हैं। उन्होंने बताया कि आज तड़के शहाफ अपने कुछ दोस्तों के अंतिम संस्कार में शामिल हुई, जो रेव म्यूजिक पार्टी में हुए नरसंहार में मारे गए थे। पार्टी में हमास के हमले में 270 युवा मारे गए थे।’’
 
शहाफ ने बताया कि वह अपने मित्र यानिर के साथ पार्टी में थी तभी उसने रॉकेटों को अपने सिर के ऊपर से जाते देखा।
 
उन्होंने बताया कि हम भागते हुए कार में पहुंचे और तेजी से गाड़ी चलाने लगे। पुलिस ने दाएं मुड़ने को कहा लेकिन यह तेल अवीव की सड़क नहीं थी, इसलिए हम वापस मुड़ कर दूसरी ओर चले गए। हमारी इस गलती से जान बची क्योंकि वे (हमलावर) सड़क अवरुद्ध करके हमारा इंतजार कर रहे थे, तीन वैन में लगभग आठ चरपमंथी थे।
 
सूत्रों ने बताया कि हमले में घायल केरल की नर्स शीजा आनंद की स्थिति अब स्थिर है। हमास के सात अक्टूबर के उत्तरी इसराइल के अश्कलोन शहर पर रॉकेट से किए गए हमले में वह घायल हो गई थीं और उनके हाथ और पैर में चोट आई थी। उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
 
यूएन की कर्मचारी ने की अपील : गाजापट्टी में इसराइल की बमबारी के बीच फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के लिए काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा कि वहां पर हालात बेहद खराब हैं। उन्होंने बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा बुजुर्गों के लिए खाद्यान्न, पानी और दवाओं की तत्काल आपूर्ति करने की अपील की।
 
‘यूएन रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी फॉर पेलेस्टाइन रिफ्यूजीस इन नियर ईस्ट’ (यूएनआरडब्ल्यूए) ने गाजा में फलस्तीनी शरणार्थियों के समर्थन में आपात अपील जारी कर कहा कि गाजा पट्टी में हिंसा में भारी वृद्धि का खामियाजा लाखों फलस्तीनी शरणार्थी भुगत रहे हैं।
 
गाजा के खान युनिस में यूएनआरडब्ल्यूए आश्रय गृह की प्रमुख राविया हलास ने एक वीडियो में कहा कि कृपया गाजा को बचा लें। मैं आपसे विनती करती हूं, गाजा को बचाएं। यह मर रहा है। यूएनआरडब्ल्यूए ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह वीडियो शेयर किया है।
 
हलास ने कहा कि ऐसे बच्चे, बुजुर्ग और वयस्क हैं जिनकी मैं मदद नहीं कर सकती हूं। मैं आश्रय गृह की प्रमुख हूं और मैं उन्हें कुछ भी नहीं दे सकती हूं, न भोजन और न ही पानी।
 
वीडियो में, हलास मदद के लिए एक भावनात्मक अपील करती हैं और आश्रय गृह में शरणार्थियों को जरूरी दवाएं और भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं होने की वजह से उनकी आवाज में हताशा और मायूसी स्पष्ट है।
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الأمم المتحدة تحذر: شبح الموت يخيم على غزة، وتدعو للوصول الإنساني إلى القطاعhttps://t.co/S12ETVarVf pic.twitter.com/RO8mzaz8aK

— الأمم المتحدة (@UNarabic) October 15, 2023 >
उन्होंने वीडियो में कहा कि अभी हम जिस स्थिति में हैं वह अप्रत्याशित है और इसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है।” हलास ने कहा कि 15,000 फलस्तीनी शरणार्थी आश्रय गृह में हैं और उनके पास न खाना है न पानी।
 
उन्होंने कहा कि आश्रय गृह में मधुमेह से पीड़ित लोग हैं, विकलांग बच्चे हैं और कुछ ऐसे बच्चे हैं जो अब चेचक से पीड़ित हैं।
 
हलास ने कहा कि थोड़ी ही देर में बिजली काट दी जाएगी। हमें नहीं पता कि हम उनकी जरूरतों को कैसे पूरा करें। वहां कुछ नहीं है।”
 
उन्होंने कहा कि वे भिखारी नहीं हैं। उनके पास अपना धन है, लेकिन हम सामान कहां से खरीदें? हालात आपदाकारी हैं।”
 
‘एक्स’ पर किए एक अन्य पोस्ट पर यूएनआरडब्ल्यू कर्मचारी अज्जाम ने कहा कि इन दिनों गाजा में सिर्फ रहना नहीं है, बल्कि संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि नहाने के लिए थोड़ा पानी होना पांच सितारा होटल की सुविधा जैसा है जबकि मोबाइल फोन पूरी तरह से चार्ज हो, यह एक सपना बन गया है।
 
उन्होंने कहा कि रात भर लगभग हर 10 या 15 मिनट में बड़े पैमाने पर बमबारी होती है और इसी के साथ सूर्योदय होता है और बमबारी रात में और तेज हो जाती है।
 
‘हियर दिअर वाइस’ (उनकी आवाज सुनिए) हैश टैग के साथ यूएनआरडब्ल्यूए गाजा में काम करने वाले अपने कर्मचारियों के मायूसी से भरे संदेश और अपीलों को पोस्ट कर रहा है।
 
यूएनआरडब्ल्यूए ने पहले बताया था कि 7 अक्टूबर से अब तक 423,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। उनमें से 270,000 से अधिक ने यूएनआरडब्ल्यूए आश्रयगृहों में शरण ली है।
 
नेपाल के छात्र को बंधक बनाया : इसराइल के एक फार्म पर हमास के हमले के बाद लापता हुए एक नेपाली छात्र को इस फलस्तीनी चरमपंथी समूह द्वारा बंधक बना लिया गया है और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद से उसे ढूंढने के प्रयास जारी हैं। 
 
हमास ने पिछले शनिवार को दक्षिणी इजराइल में ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे, जिसमें 10 नेपाली छात्रों की मौत हो गई थी। छह छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि एक छात्र लापता है। ये 17 नेपाली छात्र 'लर्न एंड अर्न' योजना के अंतर्गत फार्म में प्रशिक्षु के रूप में कार्य कर रहे थे।
 
विदेश मंत्री एनपी सउद ने यहां अपने आवास पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधियों के एक समूह को बताया कि बिपिन जोशी को आतंकवादी समूह द्वारा अगवा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बिपिन ने नेपाली छात्रों पर हमास द्वारा किए गए हथगोले से हमले में अन्य नेपाली छात्रों की जान बचाई थी।
 
उन्होंने कहा कि जोशी को हमास ने बंधक बनाया हुआ है। उनके (जोशी के) सहयोगियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर हमास ने जोशी और थाइलैंड के नागरिकों के एक समूह को बंधक बनाया हुआ है। नेपाल सरकार ने जोशी का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राजनयिक मिशनों से अनुरोध किया है।'
 
सउद ने कहा कि जोशी ने छात्रों पर हमास द्वारा फेंके गए दो हथगोलों में से एक को वापस फेंक दिया था।
 
उन्होंने कहा कि इजराइली सरकार ने आतंकी हमले में मारे गए 10 नेपाली छात्रों के शव अपने नियंत्रण में ले लिया है।’’
 
सउद ने कहा कि मैंने इस मसले पर इजराइल के विदेश मंत्री (एली कोहेन) से बात की है और हम शवों को जल्द से जल्द वापस लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इजराइल में नेपाली राजदूत ने भी जल्द से जल्द शवों को नेपाल वापस भेजने की प्रतिबद्धता जताई है।
नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा परामर्श भी जारी किया है, जिसमें उनसे बहुत जरूरी न होने पर इजराइल की यात्रा से बचने का आग्रह किया गया है। परामर्श में बताया गया है कि अगर यात्रा बहुत ही जरूरी है तो विशेष सावधानी बरतें और जरूरी सुरक्षा नियमों का पालन करें।
 
सउद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नेपाल पश्चिम एशिया के मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने कहा कि 20 साल से कम उम्र के हमारे छात्रों पर हमास का हमला निंदनीय है। इनमें से कुछ छात्र बहुत छोटे थे।'
इनपुट भाषा  Edited by:  Sudhir Sharma
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