वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका देश एक मुक्त, खुले, स्थाई और सुरक्षित हिंद प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में आगामी वर्षों में दुनिया के इतिहास का एक बड़ा हिस्सा लिखा जाएगा।
राष्ट्रपति ने वॉशिंगटन में गुरुवार को दर्जनभर प्रशांत द्वीपीय देशों के नेताओं को संबोधित किया। हिंद प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित रखने और इन द्वीपों को चीन के बढ़ते प्रभाव से बचाने पर विमर्श के लिए पहली बार एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें बाइडन ने अपने विचार व्यक्त किए।
बाइडन ने कहा, आज प्रशांत क्षेत्र और प्रशांत महासागर के द्वीपों में रहने वालों की सुरक्षा हमारे लिए पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। अमेरिका और दुनिया की सुरक्षा आपकी सुरक्षा और प्रशांत द्वीपों की सुरक्षा पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य एक-दूसरे के प्रति प्रतिबद्धता को और प्रगाढ़ करना तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक साझा भविष्य का निर्माण करना है। इस सम्मेलन में फिजी, सोलोमन आइलैंड, माइक्रोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी, तुवालू, मार्शल आइलैंड, पलाउ, समोआ, टोंगा, पॉलिनेशिया, न्यू कैलेडोनिया और कुक आइलैंड्स के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए।
बाइडन ने कहा, हम अमेरिका समेत दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन के परिणाम देख रहे हैं। आपके देश भी इसका अनुभव कर रहे हैं। आप सबके लिए यह अस्तित्व का संकट है। उन्होंने कहा, कोविड-19 और रूस के युद्ध के आलोक में हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी फिर से खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि मुक्त, खुले, स्थाई, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित किया जा सके।
बाइडन ने प्रशांत के द्वीपीय क्षेत्र में रहने वालों के जीवन को सुधारने के लिए विस्तारित अमेरिका कार्यक्रम के तहत 81 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता देने का ऐलान किया। बाइडन ने कहा, मुझे यह घोषणा करते समय गर्व की अनुभूति हो रही है कि हम कुक द्वीप और नियू द्वीप को संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देंगे। Edited by : Chetan Gour (भाषा)