अमेरिकी नागरिकता पर बवाल, 22 प्रांतों में ट्रंप पर मुकदमा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 22 जनवरी 2025 (15:54 IST)
Lawsuit filed against Donald Trump: अमेरिका के 22 प्रांतों के अटॉर्नी जनरल (शीर्ष विधि अधिकारी) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के उस शासकीय आदेश के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दायर किया जिसके तहत देश में जन्म लेने पर किसी भी व्यक्ति को स्वत: नागरिकता मिल जाने के 100 साल पुराने आव्रजन नियम को खत्म करने के लिए कदम उठाया गया है।
 
इस नियम के तहत यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ है तो जन्म के आधार पर उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी, भले ही उनके माता-पिता किसी और देश के हों। सोमवार को जारी ट्रंप का लगभग 700 शब्दों का कार्यकारी आदेश, राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान उनके द्वारा किए गए वादे को पूरा करना है।ALSO READ: शपथ लेते ही एक्शन में डोनाल्ड ट्रंप, 10 बड़े फैसलों से हिल जाएगी दुनिया
 
ट्रंप का यह कदम सफल होगा या नहीं? : लेकिन यह निश्चित नहीं है कि ट्रंप का यह कदम सफल होगा या नहीं, क्योंकि राष्ट्रपति की आव्रजन नीतियों और नागरिकता के संवैधानिक अधिकार पर कानूनी लड़ाई लंबी चलने वाली है। डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल और प्रवासियों के अधिकार के पैरोकारों का कहना है कि जन्मजात नागरिकता को लेकर स्थापित कानून है और यद्यपि राष्ट्रपतियों के पास व्यापक अधिकार होते हैं, लेकिन वे राजा नहीं होते।ALSO READ: ट्रंप का बड़ा एलान, AI में निवेश करेंगे 500 अरब डॉलर, मिलेगी 1 लाख जॉब्स
 
राष्ट्रपति अपने आदेश के जरिए इस व्यवस्था को समाप्त नहीं कर सकते : न्यूजर्सी के अटॉर्नी जनरल मैट प्लैटकिन ने कहा कि राष्ट्रपति अपने आदेश के जरिए इस व्यवस्था को समाप्त नहीं कर सकते। व्हाइट हाउस (राष्ट्रपति निवास एवं कार्यालय) ने कहा कि वह अदालत में प्रांतों का सामना करने के लिए तैयार है और ए मुकदमे 'वामपंथियों के प्रतिरोध से ज्यादा कुछ नहीं' है।ALSO READ: डोनाल्ड ट्रंप ने सीमा शुल्क बढ़ाया तो भारत को क्या करना चाहिए, जानिए एक्सपर्ट्स की राय
 
व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव हैरिसन फील्ड्स ने कहा कि कट्टरपंथी वामपंथी धारा के विपरीत जा सकते हैं और लोगों की प्रबल इच्छा को अस्वीकार करने का विकल्प चुन सकते हैं या फिर वे राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
 
कनेक्टिकट के अटॉर्नी जनरल विलियम टोंग ने कहा कि यह मुकदमा उनके लिए व्यक्तिगत है। वह जन्मजात अधिकार से अमेरिकी नागरिक और देश के पहले चीनी-अमेरिकी निर्वाचित अटॉर्नी जनरल हैं। उन्होंने कहा कि 14वां संशोधन वही कहता है जो इसका मतलब है और इसका मतलब वही है, जो यह कहता है कि 'यदि आप अमेरिकी धरती पर पैदा हुए हैं, तो आप अमेरिकी हैं। बस।'(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Record High: सोने की कीमत में धुआंधार तेजी, 1650 रुपए उछलकर 1 लाख के करीब पहुंचा, अब कितने हो गए दाम?

National Herald case : चिदंबरम ने सोनिया गांधी और राहुल का किया बचाव, बोले- इस राजनीतिक हमले को कांग्रेस करेगी नाकाम

UP में 8 साल से 73 लैपटॉप की निगरानी कर रहे हैं 2 कांस्टेबल, दिया जा चुका है 54 लाख रुपए वेतन

क्या है Karnataka Ex DGP ओमप्रकाश हत्याकांड का सच, कौन करता था किसको टार्चर, बेरहमी से कत्ल का क्या है राज

Oppo K13 5G : 7000mAh बैटरी वाला सस्ता 5G फोन, फीचर्स मचा देंगे तहलका

सभी देखें

नवीनतम

बांसुरी स्वराज की बैग पोलिटिक्स, संसदीय समिति की बैठक में कांग्रेस को इस तरह चिढ़ाया

मेरे पास पैसा मांगने मत आना, मंत्री प्रहलाद पटेल की सरपंच-सचिवों को समझाइश

वायदा बाजार में सोना पहली बार 1 लाख पार, 4 माह में दिया 26 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी से हाईकोर्ट नाराज, जानिए क्या कहा?

LIVE: बच्चों संग आमेर के किले पर पहुंचे अमेरिकी उपराष्‍ट्रपति वेंस

अगला लेख