जॉर्ज सांडर्स को मैन बुकर पुरस्कार

Webdunia
बुधवार, 18 अक्टूबर 2017 (17:08 IST)
लंदन। अमेरिकी लेखक जॉर्ज सांडर्स को उनके पहले उपन्यास 'लिंकन इन द बार्डो' के लिए मैन बुकर पुरस्कार दिया गया है। उल्लेखनीय है ‍कि बार्डो वह स्थिति होती है जब बौद्ध धर्म के अनुसार मृत्यु के बाद और पुनर्जन्म से पहले मनुष्य की आत्मा रहती है। 
 
अमेरिकी लेखक को प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार उनके पहले उपन्यास पर ही मिला है जो कि एक ऐसा उपन्यास है जिसमें मृत्यु के बाद अशांत आत्माओं की बहुत-सी आवाजों और ध्वनियों की संगीत रचना शामिल है। ये आत्माएं मृत्यु के बाद भटक रही हैं। 
 
यह एक ऐसी कहानी है कि राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की आत्मा वाशिंगटन की एक कब्रगाह में अपने 11 वर्षीय बेटे विली के शरीर से मिलने त्क्फ्ह आते हैं। यह एक ऐसा सामूहिक गान है जिसे बहुत सारे चरित्रों ने अपनी बात के तौर पर कहा है। विदित हो कि ये सभी चरित्र मृत हैं लेकिन इनसे जीवन का मोह नहीं छूट पा रहा है। 
 
इस पुस्तक मे बारे में बैरोनेस लोला यंग ने निर्णायक मंडल की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 'इसकी नवीन रचना प्रक्रिया, इसकी अपनी ही तरह की अलग शैली और जिस तरीके से इन सारे मरे हुए लोगों की आत्माओं को फिर से जीवन में लाया जाता है, विलक्षण है।'
 
उल्लेखनीय है कि पुरस्कार का वितरण मंगलवार को प्रिंस चाल्र्स की पत्नी और डचेज ऑफ कार्नवाल ने लंदन के मध्ययुगीन गिल्डहॉल में किया। यह लगातार दूसरा वर्ष है कि जब एक अमेरिकी ने ‍‍फिर 50,000 पौंड (66,000 डॉलर) का पुरस्कार जीता है। अमेरिकी लेखकों के लिए यह पुरस्कार वर्ष 2014 में खोला गया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख