Meta लाया अपना नया AI ऐप, जुकरबर्ग ने लांच किया स्टैंड अलोन App

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 30 अप्रैल 2025 (19:31 IST)
Meta launches AI app : कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धियों की भीड़ के बीच खुद का अलग मुकाम बनाने और ओपनएआई के चैटजीपीटी के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए मेटा ने एक सोशल मीडिया घटक के साथ एआई ऐप की शुरुआत की है। मेटा एआई ऐप, कंपनी के लामा 4 एआई सिस्टम के साथ बनाया गया है। इसमें एक डिस्कवर फीड शामिल है जो उपयोगकर्ताओं को यह जानने की सहूलियत देता है कि दूसरे लोग एआई के साथ कैसे बातचीत कर रहे हैं। इसमें एआई के साथ बातचीत करने के लिए एक वॉयस मोड भी है।
 
फॉरेस्टर के शोध निदेशक माइक प्रोलक्स ने कहा, मेटा के लिए कंपनी की सोशल मीडिया अनुभवों से सीखकर अपने चैटजीपीटी प्रतिस्पर्धी से खुद को अलग साबित करना समझदारी भरा कदम है। ऐप का डिस्कवर फीड ओजी फेसबुक फीड के एक संस्करण की तरह है, लेकिन केवल एआई उपयोग मामलों पर केंद्रित है।
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उपयोगकर्ताओं को अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम खातों को लिंक करने की सुविधा देकर, मेटा एआई ऐप सोशल मीडिया संदर्भ के साथ अपने उपयोगकर्ता अनुभव को तुरंत वैयक्तिकृत करने में मदद करता है। मेटा ने अपने कई प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में एआई के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है, इसे एक ओपन-सोर्स उत्पाद के रूप में मुफ्त में जारी किया है। कंपनी का कहना है कि हर महीने एक अरब से ज्यादा लोग उसके एआई उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।
 
कैलिफोर्निया स्थित प्रौद्योगिकी दिग्गज के मेनलो पार्क स्थित उद्घाटन सम्मेलन, लामाकॉन में मंगलवार को मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एआई विकास की गति और किस प्रकार यह प्रौद्योगिकी उनकी दोनों कंपनियों (जहां एआई पहले से ही कोड लिख रहा है) और साथ ही विश्व को बदल रहा है, के बारे में तकनीकी चर्चा में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला के साथ बातचीत की।
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जुकरबर्ग ने माना कि एआई को लेकर काफी आशंकाएं हैं। उन्होंने कहा कि यदि इससे उत्पादकता में भारी वृद्धि होगी, तो इसका असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी दिखना चाहिए। जुकरबर्ग ने कहा कि इस काम को पूरा होने में कई वर्ष लगेंगे।

नडेला ने बिजली के आगमन का जिक्र करते हुए कहा कि एआई में संभावनाएं हैं, लेकिन अब आपको वास्तव में इसे उत्पादकता में वास्तविक बदलाव लाने के लिए तैयार करना होगा- और इसके लिए सॉफ्टवेयर और प्रबंधन में बदलाव की भी आवश्यकता है, है न? क्योंकि कुछ मायनों में, लोगों को इसके साथ अलग तरीके से काम करना होगा।
 
उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझने में 50 साल लग गए कि कारखानों को बिजली से कैसे संचालित किया जाए। ज़करबर्ग ने जवाब दिया कि हम सभी इस तरह निवेश कर रहे हैं जिससे कि इसमें 50 साल नहीं लगे इसलिए मुझे उम्मीद है कि इसमें 50 साल नहीं लगेंगे।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour

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