आतंकवाद और कट्‍टरवाद पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती, ब्रिक्स में बोले मोदी

Webdunia
शनिवार, 1 दिसंबर 2018 (14:07 IST)
ब्यूनस आयर्स। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज आतंकवाद और कट्टरवाद पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं और यह न केवल शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि आर्थिक विकास के लिए भी एक चुनौती है।
     
मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स नेताओं की बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हमने सभी देशों से अंतर सरकारी निकाय वित्तीय कार्य बल (एफएटीएफ) मानकों के कार्यान्वयन का आग्रह किया है।
 
आतंकवादियों के नेटवर्क, उनके वित्त पोषण और उनकी आवाजाही को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक ढांचे को मजबूत करने हेतु ब्रिक्स और जी-20 देशों को साथ मिलकर काम करना होगा।
 
इसके साथ-साथ आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के विरुद्ध हमें मिलकर काम करने की आवश्यकता है। यह समस्या विश्व की आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
 
उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण ने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, लेकिन इसके फायदों के समान वितरण को लेकर हमारे सामने चुनौतियां हैं। बहुपक्षवाद और नियम-आधारित विश्व-व्यवस्था के सामने निरंतर कठिनाइयां आ रही हैं और संरक्षणवाद बढ़ रहा है।

मुद्राओं का अवमूल्यन और तेल कीमतों में तेज बढ़ोतरी पिछले कुछ वर्षों में अर्जित लाभ को चुनौती दे रहे हैं। ब्रिक्स देश वैश्विक स्थिरता और विकास में योगदान देते रहे हैं। हमने विश्व की आर्थिक और राजनैतिक संरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
 
मोदी ने कहा कि हमने वैश्विक आर्थिक शासन प्रणाली के ढांचे को और अधिक प्रतिनिधित्व वाला और लोकतांत्रिक बनाने में सार्थक योगदान दिया है और इस दिशा में आगे भी कार्य करते रहेंगे। हमें संयुक्त राष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद सहित बहुपक्षीय संस्थाओं में विकासशील देशों को और अधिक प्रतिनिधित्व दिए जाने पर एक सुर में बात करनी चाहिए। यह वही मकसद है, जिसके लिए हम एक साथ आए हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमें नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, यूएनएफसीसी, विश्व बैंक इत्यादि जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ मिलकर काम करना होगा, जिससे इनकी प्रासंगिकता बनी रहे और वह समय की वास्तविकताओं को दर्शाए।
 
मोदी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण और भविष्य में खाद्यान्न सुरक्षा जैसे सामाजिक-आर्थिक मामलों पर भी ध्यान दिया जाना है और सतत विकास एवं बेहतर बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में मिलकर काम करना होगा। (वार्ता)

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