Mahashivratri: महाशिवरात्रि पर 5वीं शताब्दी के पशुपतिनाथ मंदिर में 10 लाख पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार नेपाल

पशुपतिनाथ मंदिर का प्रबंधन करने वाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि करीब 4,000 साधु और हजारों की संख्या में श्रद्धालु बागमती नदी के तट पर स्थित 5वीं शताब्दी के इस मंदिर में पूजा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 24 फ़रवरी 2025 (11:27 IST)
Pashupatinath temple, Nepal: महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के अवसर पर नेपाल और भारत से बुधवार को करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के यहां पशुपतिनाथ मंदिर (Pashupatinath temple) में दर्शन करने आने की उम्मीद है। मंदिर का प्रबंधन करने वाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि करीब 4,000 साधु और हजारों की संख्या में श्रद्धालु बागमती नदी के तट पर स्थित 5वीं शताब्दी के इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए काठमांडू पहुंच रहे हैं।ALSO READ: 26 फरवरी को बुधादित्य योग में मनेगी महाशिवरात्रि, जानें कैसे मनाएं यह पर्व
 
भगवान शिव के जन्म के दिन के रूप में जाना जाता है महाशिवरात्रि को : महाशिवरात्रि को भगवान शिव के जन्म के दिन के रूप में जाना जाता है। पशुपति ट्रस्ट की प्रवक्ता रेवती अधिकारी ने बताया कि इस भव्य अवसर के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।ALSO READ: इस बार की महाशिवरात्रि क्यों हैं खास, जरूर करें ये 5 अचूक उपाय
 
मंदिर महाशिवरात्रि को तड़के 2 बजकर 15 मिनट पर खुलेगा : उन्होंने बताया कि इस दिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कुल 10,000 सुरक्षाकर्मी और 5,000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे। पशुपतिनाथ मंदिर महाशिवरात्रि को तड़के 2 बजकर 15 मिनट पर खुलेगा और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के चारों द्वारों से शिवलिंग के दर्शन की व्यवस्था की गई है।ALSO READ: महाशिवरात्रि पर राशि के अनुसार करें इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन, पाएं महादेव की विशेष कृपा
 
शराब, मांस और मछली की बिक्री प्रतिबंधित : इस बीच काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर के आसपास शराब, मांस और मछली के उत्पादन, बिक्री, उपभोग और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नोटिस जारी किया है।ALSO READ: महाशिवरात्रि पर इस विधि से घर बैठे पाएं महाकुंभ स्नान का पुण्य

नोटिस के अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में और उसके आसपास सोमवार से गुरुवार तक शराब, मांस और मछली पर प्रतिबंध रहेगा। नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। हिमालय को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और नेपाल में शैवों की एक बड़ी संख्या है जिनके मुख्य देवता भगवान शिव हैं।(भाषा)ALSO READ: असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब
 
Edited by: Ravindra Gupta

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