पद्मालक्ष्मी : मेकअप और बच्ची को दूध साथ-साथ

Padmakalakshmi
Webdunia
शनिवार, 12 मई 2018 (22:30 IST)
न्यूयॉर्क। प्रसिद्ध मॉडल, लेखिका, एक्टर, टेलीविजन होस्ट और एक बच्चे की मां पद्मालक्ष्मी एक ऐसी वर्किंग और पॉवर माम हैं, जो कि अपने दैनिक कामों के साथ-साथ जरूरी काम भी कर डालती हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने 'मदर्स डे' के अवसर पर अपनी एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की है। अपनी इस पुरानी तस्वीर में वे बच्ची कृष्णा को दूध पिलाने के साथ-साथ अपना मेकअप भी करती दिख रही हैं।
 
 
तमिलनाडु से भारतीय मूल की 47 वर्षीय पद्मा अपने बचपन से ही अमेरिका में रह रही हैं और वे एक बच्ची और 8 वर्षीय बेटे की मां भी हैं। उन्हें भारतीय मूल के प्रसि‍द्ध लेखक, साहित्यकार सलमान रशदी की पूर्व पत्नी के तौर पर भी जाना जाता है। इस तस्वीर से न केवल उन्होंने मदर्स डे पर अपनी भावनाएं जाहिर कीं वरन दुनिया की उन तमाम महिलाओं को अपना समर्थन भी दिया, जो कि मां और एक कामकाजी महिला की भूमिका एकसाथ निभाती हैं।
 
अगर आपको पता न हो तो आपकी जानकारी में बढ़ोतरी करने के लिए बता दें कि 'मदर्स डे' सारी दुनिया में मनाया जाता है लेकिन यह अलग-अलग तारीखों और दिनों पर मनाया जाता है। विदित हो कि 'मदर्स डे' भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। लेकिन इसके लिए कोई एक दिन तय नहीं है और हर वर्ष मई का दूसरा रविवार 'मदर्स डे' के रूप में मनाया जाता है।
 
भारत, अमेरिका में इस साल 'मदर्स डे' 13 मई को मनाया जाएगा, क्योंकि मई का दूसरा रविवार 13 तारीख को पड़ रहा है। वैसे तो मां का सम्मान करने और मां को प्यार करने के लिए किसी एक खास दिन की जरूरत नहीं होती है। लेकिन वर्तमान में दुनिया के कम से कम 46 देशों में 'मदर्स डे' मनाया जाता है।
 
अलग-अलग देशों में 'मदर्स डे' की डेट्स अलग-अलग हैं। जहां कुछ देशों में इंटरनेशनल महिला दिवस या 8 मार्च के दिन ही 'मदर्स डे' मना लिया जाता है। वहीं कुछ देशों में उस दिन 'मदर्स डे' मनाया जाता है, जिस दिन उस देश की रानी का बर्थडे पड़ता है जैसेकि ब्रिटेन और अन्य देशों में।
 
भारत जैसे देश में 'मदर्स डे' मनाए जाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यहां माता-पिता का सम्मान करने के लिए किसी दिन विशेष की जरूरत नहीं होती है। भारत पश्चिमी देशों से प्रेरित होकर 'मदर्स डे' सेलिब्रेट करता है। वेस्ट वर्जीनिया में सबसे पहले 'मदर्स डे' की शुरुआत हुई थी और एना जार्विस नाम की महिला ने 1912 में 'सेकंड संडे इन मे' और 'मदर डे' नाम की कहावत को ट्रेडमार्क बनाया था।
चित्र सौजन्य : ट्विटर

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