कर्ज का बोझ, पाकिस्तान कर सकता है PoK का चीन से सौदा

Webdunia
सोमवार, 20 जनवरी 2020 (21:05 IST)
एक तरफ भारत में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत में मिलाने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं कर्ज के बोझ से दबा पाकिस्तान पीओके को दांव पर लगा सकता है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि पाकिस्‍तान पीओके का कुछ हिस्सा चीन को कर्ज के बदले में दे सकता है।

हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस बात को मानने के लिए राजी नहीं हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस हद तक खराब हो चुकी है कि अब उसे चीन के कर्ज को चुकाने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपनाने पड़ रहे हैं। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि वह पीओके का कुछ हिस्सा चीन को सौंप दे।

वैसे भी चीन की नीति शुरू से ही जमीन हड़पने की रही है। जब उसने पाकिस्तान में पांव रखे थे, तब ही आशंकाएं जताई जाने लगी थीं कि वह पाकिस्तान की जमीन हड़प लेगा। मीडिया रिपोर्ट्‍स के अनुसार, अगर पाकिस्तान ऐसा कोई कदम उठाता है तो भारत इसका कड़ा विरोध करेगा, क्योंकि सीपीईसी प्रोजेक्ट पहले ही पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र से गुजरने को लेकर विवादों में चल रहा है।

भारत इस संबंध में पहले भी कई बार कह चुका है कि यह क्षेत्र उसके जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा है। सीपीईसी चीन के शिनजियांग प्रांत को ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाला प्रोजेक्ट है। इसी प्रोजेक्ट का भारी कर्ज पाकिस्तान के ऊपर चढ़ गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 60 अरब डॉलर है। पाकिस्तान दिसंबर, 2019 तक इसके लिए चीन से करीब 21.7 अरब डॉलर कर्ज ले चुका है। इसमें से 15 अरब डॉलर का कर्ज चीन की सरकार से और शेष 6.7 अरब डॉलर का कर्ज वहां के वित्तीय संस्थानों से लिया गया है। अर्थव्यवस्था के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए यह कर्ज चुकाना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन दिख रहा है। उसके पास महज 10 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है।

हालात बद से बदतर : जानकारी के मुताबिक, न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था बल्कि वहां के लोगों की भी बहुत बुरी स्थिति है। बढ़ती महंगाई ने वहां के लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण रोज खाने में इस्तेमाल होने वाला आटा भी 70 रुपए किलो बिक रहा है।

बताया जा रहा है कि लाहौर, कराची और दूसरे शहरों में गेहूं के एक किलोग्राम आटे की कीमत में 6 रुपए का उछाल आया है, जो अब 70 रुपए के लगभग पहुंच चुका है।

हालांकि फिलहाल तो ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन यदि पाकिस्तान ऐसा कुछ कदम उठाता है तो इसका क्षेत्रीय शांति पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के लिए कौन है जिम्‍मेदार, जलवायु वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब...

बिहार में वोटर लिस्ट विवाद के बीच चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, बिना दस्तावेज के जमा करा सकेंगे गणना फॉर्म

चीन में बड़े बदलाव की आहट, क्या शी जिनपिंग 12 साल बाद छोड़ने जा रहे सत्ता? ताकत का बंटवारा क्यों कर रहा ड्रैगन का राजा

बिहार में वोटिंग लिस्ट पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में दी EC के फैसले को चुनौती

ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस को क्‍यों याद आया 2012 का शिखर सम्मेलन

सभी देखें

नवीनतम

रूस ने यूक्रेन पर दागे 100 से ज्‍यादा ड्रोन, नागरिक इलाकों को बनाया निशाना, 10 लोगों की मौत, 3 बच्चों समेत कई घायल

Helmets Rules Change : हेलमेट को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फरमान, BIS का बड़ा कदम

YouTuber ज्योति मल्होत्रा ​​की न्यायिक हिरासत बढ़ाई, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में हुई पेश

हरियाणा में गैंगरेप के बाद महिला को रेलवे ट्रैक पर फेंका, पैर कटा

गैंगरेप की घटना के बाद कोलकाता का साउथ लॉ कॉलेज फिर खुला

अगला लेख