जेशोरेश्वरी मंदिर पहुंचे PM मोदी, जानिए क्या है इस मंदिर में खास....

Webdunia
शनिवार, 27 मार्च 2021 (10:12 IST)
ढाका। बांग्लादेश दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेशोरेश्वरी मंदिर पहुंचकर पूजा की। ये भारत और पड़ोसी देशों में फैले 51 शक्तिपीठों में से एक है।
 
प्रधानमंत्री मोदी आज हवाई यात्रा के जरिए ईश्वरीपुर गांव पुहंचे और जेशोरेश्वरी काली मंदिर में पूजा की।
जेशोरेश्वरी नाम का मतलब जेशोर की देवी से है। यह बांग्लादेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बांग्लादेश और भारत से हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के इस मंदिर का दर्शन करने पहुंचते हैं।
 
बांग्लादेश यात्रा पर जाने से पहले ही पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि वे 51 शक्तिपीठों में से एक प्राचीन जेशोरेश्वरी काली मंदिर में मां काली की पूजा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

कार्यक्रम के मुताबिक, वे ओराकंडी मंदिर भी जाएंगे। इसके बाद पीएम राष्ट्रपिता बागाबंधु शेख मुजिबुर रहमान के स्मारक पर भी पहुंचेंगे। पीएम मोदी के आगमन को लेकर मंदिर भव्य तरीके से सजाया गया है।
 
खास बात है कि इसके बाद वे गोपालगंज जिले के तुंगीपारा स्थित शेख मुजीबुर रहमान के स्मारक पर जाएंगे। खुद पीएम ने इस बात की जानकारी दी थी के वे ओराकंडी में मतुआ समुदाय से मुलाकात को लेकर उत्सुक हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख