मास्को में चीन ने रक्षामंत्री राजनाथ से की मुलाकात की पेशकश

Webdunia
शुक्रवार, 4 सितम्बर 2020 (17:10 IST)
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्रीस्तरीय बैठक के इतर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार शाम अपने चीनी समकक्ष वेई फेंघे से बातचीत कर सकते हैं। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। खबरों के मुताबिक मास्को में चीनी रक्षा मंत्री ने मुलाकात की पेशकश की है। 
 
मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बैठक होगी। हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विवाद को लेकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से टेलीफोन पर बातचीत की थी। सिंह और वेई एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को मास्को में हैं। सूत्रों ने कहा कि इस बैठक के लिए चीनी रक्षा मंत्री की तरफ से अनुरोध किया गया है। 
 
पूर्वी लद्दाख में कई जगह भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है। तनाव तब और बढ़ गया था जब 5 दिन पहले पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जे का असफल प्रयास किया वह भी तब जब दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य बातचीच के जरिये विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
 
भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले इलाकों पर मुस्तैद है और चीन की किसी कार्रवाई को नाकाम करने के लिए ‘फिंगर-2’ और ‘फिंगर-3’ में अपनी मौजूदगी और मजबूत की है। चीन ने भारत के कदम का कड़ा विरोध किया है। चीन की इस हिमाकत के बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त जवानों और हथियारों को तैनात किया है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी फिलहाल 2 दिन के लद्दाख दौरे पर हैं। 

एससीओ में रक्षा मंत्री का संबोधन : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष द्वितीय विश्व युद्ध और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 75 वर्ष हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ऐसे शांतिपूर्ण विश्व का पक्षधर है जहां अंतरराष्ट्री कानूनों और देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाता है और कोई भी देश किसी दूसरे राष्ट्र पर एकतरफा आक्रमण से परहेज करता है।
 
भारत का रुख और नीति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मैं जोर देकर कहता हूं कि भारत इस तरह की वैश्विक सुरक्षा संरचना का पक्षधर है जो खुली, पारदर्शी, समावेशी, नियम आधारित और अंतरराष्ट्रीय नियमों से बंधी हो।
 
उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्य देशों में दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी रहती है और यह जरूरी है कि क्षेत्र में परस्पर विश्वास तथा सहयोग का माहौल रहे, किसी तरह का अतिक्रमण न हो, अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा नियमों का सम्मान हो। एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता और मतभेदों का समाधान किया जाए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Israel-Iran Conflict : इजराइल-ईरान में क्यों है तनाव, भयंकर युद्ध हुआ तो भारत पर क्या होगा असर

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

विमान हादसे में तुर्की का तो हाथ नहीं? बाबा रामदेव के बयान से सनसनी

इंसानी गलती या टेक्नीकल फॉल्ट, AI-171 के ब्लैक बॉक्स से सामने आएगा सच, जानिए कैसे खोलते हैं हादसे का राज

डोनाल्ड ट्रंप बोले- ईरान के पास बातचीत का दूसरा मौका, परमाणु समझौता कर तबाही को बचा लो

सभी देखें

नवीनतम

सोनिया गांधी फिर अस्पताल में भर्ती, पेट संबंधी समस्या

Air India Plane Crash : विमान हादसे को लेकर हाईलेवल मीटिंग सोमवार को

Israel-Iran war : नेतन्याहू की चेतावनी, इजराइली नागरिकों को निशाना बनाने की भारी कीमत चुकाएगा ईरान

इजराइल और ईरान को लेकर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दावा, चली भारत-PAK के साथ वाली चाल

मुंबई की महिला से 19 लाख रुपए की ठगी, आरोपी YouTuber गिरफ्तार

अगला लेख