sheikh hasina : दक्षिण एशिया की आयरन लेडी शेख हसीना छात्र आंदोलन के आगे कैसे हुईं पस्त, छोड़ना पड़ा देश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 5 अगस्त 2024 (20:30 IST)
what happened in bangladesh : आरक्षण को लेकर छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के बीच दक्षिण एशिया की आयरन लेडी शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा। दुनिया की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महिला शेख हसीना को पिछले कई दिनों से देश में सत्ता विरोधी प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा था। हसीना इस बार हालातों पर काबू नहीं कर पाईं। प्रधानमंत्री शेख हसीना 2009 से बांग्लादेश की सत्ता चला रही थीं। शेख हसीना ने तीन विवादित आम चुनाव भी जीते। इन चुनावों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचना भी उन्हें झेलनी पड़ी। बांग्लादेश के वर्तमान हालात और उम्र को देखते हुए लगता नहीं कि वे राजनीति में वापसी कर पाएं।
ALSO READ: bangladesh crisis : बांग्लादेश में उथल-पुछल का भारत पर क्या होगा असर, निगाहें चीन पर भी
छात्रों का यह प्रदर्शन शेख हसीना के राजनीतिक जीवन की सबसे मुश्किल चुनौती साबित हुआ। इन प्रदर्शनों को विपक्ष का भी साथ मिला। उनके शासनकाल में पहली बार देश में हालात इस कदर बेकाबू हुए कि उन्हें अपना देश छोड़कर ही भागना पड़ा।
 
बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम सैनानियों को नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के आंदोलन के उग्र रूप लेने के बाद रविवार को राजधानी ढाका में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जिसमें पुलिसकर्मियों सहित सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। ढाका की सड़कों पर आंदोलनकारियों का सैलाब उमड़ा हुआ था। 
 
विरोधियों को दबाने का आरोप : शेख हसीना को एकजुट विपक्ष, आर्थिक मंदी और उनके शासन के बिगड़ते मानवाधिकार रिकॉर्ड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा थे क्योंकि पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में नए विरोध प्रदर्शन बढ़े। हसीना पर राजनीतिक विपक्ष पर बढ़ते हमलों के साथ-साथ नागरिक समाज पर नकेल कसने का आरोप है।
 
विरोधियों का कहना है कि हसीना का तानाशाही रवैया बांग्लादेश की जनता को पसंद नहीं आया। छा‍त्रों के प्रदर्शन ने शेख हसीना के तख्त को हिलाकर रख दिया। विरोधियों आरोप लगाते रहे कि शेख हसीना कभी भी समूचे देश की प्रधानमंत्री नहीं बनीं बल्कि एक समूह की ही प्रधानमंत्री बनकर रह गईं। जानकारों के अनुसार शेख हसीना सरकार की तानाशाही प्रवृति ने समाज के एक बड़े वर्ग को आक्रोशित कर दिया था। 
<

देश छोड़कर भाग रही हैं बांग्लादेश की PM शेख हसीना।

मिलिट्री के हेलिकॉप्टर से देश छोड़कर निकली।

पश्चिम बंगाल की तरफ गया है शेख हसीना का हेलीकॉप्टर।

बांग्लादेश में दंगों के बाद तख्तापलट, सेना ने संभाली देश की कमान।

5 लाख लोग सड़क पर, 300 से ज्यादा की हुई मौत।#SheikhHasina pic.twitter.com/9O6aYpoJa1

— Panchjanya (@epanchjanya) August 5, 2024 >
क्यों खुश हैं कट्टरपंथी : शेख हसीना के खिलाफ इस समय भले ही हो, लेकिन जब वे 2009 का आम चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनी थीं तब उनकी लोकप्रियता देखने लायक थी। 2009 के बांग्लादेश चुनाव के नतीजों से सबसे बड़ा झटका शेख हसीना की मुख्य प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया को ही नहीं बल्कि कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी को लगा था। जमात-ए-इस्लामी वही संगठन है जिसने 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान का पक्ष लिया था। 
 
राजनीति नहीं थी पसंद : शेख हसीना बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की बड़ी बेटी हैं। शेख हसीना का जन्म भारत को आजादी मिलने वाले साल यानी 28 सितंबर 1947 में ढाका में हुआ था। पूर्वी बंगाल के तुंगीपाड़ी में ही उन्होंने स्कूल से पढ़ाई-लिखाई की थी। इसके बाद उनका पूरा का पूरा परिवार ढाका में बस गया। शेख हसीना की शुरुआत से राजनीति की कोई भी दिलचस्पी नहीं थी। 
 
आसान नहीं रही राजनीति की राह : 1966 में हसीना ईडन महिला कॉलेज में पढ़ रही थीं। यही वह समय था जब उनकी राजनीति में दिलचस्पी जगना शुरू हुई थी। वे यहां पर ही स्टूडेंट यूनियन का चुनाव लड़कर वाइस प्रेसिडेंट बनी थीं। इतना ही नहीं इसके बाद में उन्होंने अपनी पिता की पार्टी आवामी लीग के स्टूडेंट विंग की कमान संभालने का फैसला किया। 
सेना ने किया था विद्रोह : आवामी लीग का काम संभालने के बाद साल 1975 उनके और उनके परिवार के लिए बिलकुल भूचाल की तरह था। सेना ने बगावत कर दी और उनके परिवार के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया था। इस लड़ाई में शेख हसीना के पिता मुजीबुर्रहमान और मां के अलावा तीन भाइयों की भी हत्या कर दी। उस समय शेख हसीना और उनके पति वाजिद मियां और छोटी बहन की जान बच गई थी। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि जब यह सब हुआ तो वह यूरोप में थी। इसके बाद पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने उन्हें भारत में शरण दे दी थी। वे अपनी बहन के साथ दिल्ली आ गई थीं। यहां वे 6 साल तक रहीं। Edited by : Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद काट रहा डॉन प्रकाश पांडे बना प्रकाशानंद गिरि!

चीन में ‘यागी’ का कहर, स्कूल-कॉलेज बंद, 10 लाख लोगों को किया रेस्क्यू

किसान बढ़ाएंगे भाजपा की मुश्किल, 15 सितंबर को उचाना में महापंचायत

6 देश जहां खुलेआम चलता है देह व्यापार, विज्ञापन देकर कस्टमर बुलाती हैं सेक्स वर्कर

उच्च न्यायालयों में 62 हजार केस लंबित, 30 साल से ज्‍यादा पुराने हैं मामले

TMC में आई दरार, सांसद जवाहर सरकार ने दिया इस्तीफा, इस बात से हैं नाराज...

बिहार में बड़ा हादसा, मगध एक्सप्रेस की कपलिंग टूटी, 2 हिस्सों में बंटी ट्रेन

भजन गायक कन्हैया मित्तल भी भाजपा से नाराज, कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल

मेट्रो ट्रेन की पटरी पर दौड़ी महिला, ड्राइवर ने लगाया ब्रेक

CM हिमंता बिसवा सरमा का बड़ा ऐलान, असम में आधार के लिए NRC अनिवार्य

अगला लेख