दुनिया के सबसे बड़े और सबसे संवेदनशील कॉस्मिक रे मॉनिटर ने कॉस्मिक किरणों के विस्फोट को रिकार्ड किया है, जिसमें इससे पृथ्वी के मैग्नेटिक शील्ड या जिसे चुम्बकीय कवच कहते हैं, उसमें दरार पड़ने की बात सामने आई है।
यह विस्फोट तब हुआ जब सूर्य के प्रभामंडल से निकलकर प्लाज्मा का विशाल बादल पृथ्वी से टकराया। विस्फोट को रिकॉर्ड करने वाला टेलिस्कोप तमिलनाडु के ऊटी में स्थित है।
वैज्ञानिक इस मामले पर पूरी निगाह रखे हुए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह विस्फोट तब हुआ जब सूर्य के प्रभामंडल से निकलकर प्लाजमा का विशाल बादल पृथ्वी से टकराया। करीब 25 लाख किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हुई इस टक्कर से पृथ्वी के मैग्नेटोस्फेयर में भारी दबाव उत्पन्न हुआ और भीषण भू-चुंबकीय तूफान उठा और इससे दरार पड़ गई।
जीआरएपीईएस-3 म्यूओन टेलीस्कोप ने पिछले साल दो घंटे तक करीब 20 जीईवी आकाशगंगा के कॉस्मिक रेज (ब्रह्मांडीय किरणों) के विस्फोट को रिकॉर्ड किया।
विस्फोट से भीषण भू-चुंबकीय तूफान उठा जिससे ऊंचाई वाले देशों में रेडियो सिग्नल बंद हो गए। इस विस्फोट का प्रभाव यह हो सकता है कि इससे बड़े बिजली ग्रिड, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस), सेटेलाइट संचालन और संचार प्रणाली ध्वस्त हो सकती है। जीपीएस स्सिटम गड़बड़ा सकते हैं।