दक्षिणी अफगानिस्तान में पुलिस मुख्यालय पर तालिबान का कब्जा, अमेरिका ने किए हवाई हमले

Webdunia
गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (11:59 IST)
काबुल। तालिबान ने दक्षिणी अफगानिस्तान में एक प्रांतीय राजधानी के पुलिस मुख्यालय पर गुरुवार को कब्जा कर लिया। दक्षिणी अफगानिस्तान पर चरमपंथी संगठन का कब्जा होने वाला है और इसी बीच इलाके में हवाई हमले हुए हैं। संदेह है कि ये हमले अमेरिका ने किए हैं। तालिबान के गढ़ हेलमंद प्रांत में अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में संघर्ष बढ़ गया है, जहां चारों ओर से घिरे सरकारी बलों को राजधानी पर कब्जा बनाए रखने की उम्मीद थी। सप्ताहभर के हमले के बाद तालिबानियों ने देश के 9 अन्य शहरों पर पहले ही कब्जा कर लिया है।

ALSO READ: अफगानिस्तान में लौटने वाला है तालिबान का राज! अमेरिका ने माना रोकना मुश्किल, सैनिकों की वापसी से किया इंकार
 
अफगान सुरक्षा बलों और सरकार ने कई बार अनुरोध किए जाने के बाद भी देश में कई दिन से जारी संघर्ष पर कोई टिप्पणी नहीं की। बहरहाल, देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी महीने के अंत में अमेरिका और नाटो बलों की वापसी से पहले अपने देश के विशेष बलों और अमेरिकी वायुसेना पर भरोसा करते हुए जवाबी हमले की कोशिश कर रहे हैं। तालिबान की बढ़त से काबुल पर फिलहाल सीधे तौर पर खतरा नहीं है लेकिन उसकी रफ्तार से सवाल पैदा हो रहे हैं कि अफगान सरकार कब तक अपने कब्जे वाले इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी। हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं।

ALSO READ: तालिबान ने Mi-24 हेलीकॉप्‍टर पर किया कब्जा, भारत से मिला था गिफ्ट में
 
लश्कर गाह के आसपास लड़ाई हफ्तों से चल रही है। हेलमंद की राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को बुधवार को निशाना बनाकर एक आत्मघाती कार बम विस्फोट किया गया। हेलमंद की एक सांसद नसीमा नियाज़ी ने बताया कि तालिबान ने गुरुवार को इमारत पर कब्जा कर लिया, कुछ पुलिस अधिकारियों ने तालिबानियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और अन्य पास स्थित गवर्नर के कार्यालय में चले गए जिस पर अब भी सरकारी बलों का नियंत्रण है।

ALSO READ: अफगानिस्तान में भारत को बड़ा झटका, ISI के मास्‍टर प्‍लान से 5 दिन में तालिबान का 8 बड़े शहरों पर कब्‍जा
 
नियाज़ी ने कहा कि उनका मानना ​​है कि तालिबान के हमले में सुरक्षा बल के कई कर्मी हताहत हुए, लेकिन उन्हें इनकी संख्या की जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि एक और आत्मघाती कार बम विस्फोट से प्रांतीय जेल को निशाना बनाया गया, लेकिन अब भी इस पर सरकार का नियंत्रण है। तालिबान ने पिछले सप्ताह हमलों के दौरान अपने सैंकड़ों सदस्यों को आजाद कराया और अमेरिका द्वारा सरकार को मुहैया कराए गए हथियारों और वाहनों को जब्त कर लिया।
 
नियाजी ने इलाके को निशाना बनाकर किए जा रहे हवाई हमलों की आलोचना करते हुए कहा कि इनमें आम नागरिकों के हताहत होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने अपनी सुरक्षा के लिए आम नागरिकों के घरों का इस्तेमाल किया और सरकार ने आम नागरिकों का ख्याल रखे बिना हवाई हमले किए। ऐसा माना जा रहा है कि अफगान बलों की मदद के लिए अमेरिकी वायु सेना ने कुछ हवाई हमले किए हैं। ऑस्ट्रेलिया स्थित सुरक्षा कंपनी 'द कोवेल ग्रुप' के अनुसार विमानन क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों के अनुसार अमेरिकी वायुसेना के बी-52 बमवर्षक, ए-15 लड़ाकू विमान, ड्रोन और अन्य विमान हवाई हमले कर रहे है, लेकिन इसमें हताहत हुए लोगों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
 
इस बीच तालिबान काबुल के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 130 किलोमीटर (80 मील) दूर गजनी प्रांत की राजधानी में आगे बढ़ता दिख रहा है। गजनी में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता वाहिदुल्ला जुमाजादा ने स्वीकार किया कि विद्रोहियों ने राजधानी पर कई दिशाओं से हमले शुरू किए थे, लेकिन उन्होंने कहा कि वहां अब भी सरकार का नियंत्रण है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Mahadev क्या है, जिसमें ढेर हुआ पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा

1 घंटे में कैसे मार गिराए आतंकवादी, किसने उठाया ऑपरेशन महादेव पर सवाल

रक्षामंत्री राजनाथ ने संसद में दी जानकारी, पाकिस्तान की गुहार पर रोका गया ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम का बदला, जम्मू कश्मीर के दाचीगाम में 3 आतंकवादी ढेर

अद्भुत संयोग! पीएम मोदी पक्षियों पर बोल रहे थे, तभी मंत्री के कंधे पर आ बैठा पक्षी (वीडियो)

सभी देखें

नवीनतम

देश को ऑपरेशन तंदूर चाहिए था, सिंदूर नहीं, लोकसभा में सपा सांसद राजभर का बयान

जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकियों को लेकर क्‍या बोले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

प्रियंका गांधी का विदेश मंत्री से सवाल, ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका के रोल पर चुप क्यों हैं?

वाडियार राजा का अनादर नहीं किया, बयान की गलत व्याख्या की गई : यतींद्र सिद्धारमैया

डोनाल्ड ट्रंप का मुंह बंद कराओ या भारत में.. संसद में दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से की यह मांग

अगला लेख