वॉशिगटन। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ते ही तालिबान ने वहां कब्जा कर लिया। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को जिम्मेदार माना जा रहा है और उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
दो निजी एजेंसी द्वारा कराए गए सर्वे में बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग 43% आ गई। बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद से यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। अधिकांश अमेरिकी खुलकर बाइडेन की विदेशी नीति की आलोचना कर रहे हैं। अफगानिस्तान से सैनिकों को बुलाने को लेकर बाइडेन की भूमिका को विफल करार दिया है।
राजनीतिक दलों के साथ ही अमेरिकी सेना के पूर्व अधिकारी में राष्ट्रपति बाइडेन के इस फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं। सभी का मानना है कि इस फैसले से दुनियाभर में अमेरिका की छवि को गहरा धक्का लगा है।
ट्रंप ने बताया था सबसे बड़ी शर्मिंदगी : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने अफगान सैनिकों को लड़ने के लिए बहुत अधिक धन का भुगतान किया, लिहाजा जब अमेरिकी सुरक्षा बलों की अफगानिस्तान से वापसी हुई, तो स्थानीय सैनिकों ने लड़ना बंद कर दिया। उन्होंने अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी को अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी शर्मिंदगी करार दिया। वहीं, बाइडेन ने अमेरिकी सेना और राष्ट्रहित में इस फैसले को बताया था।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हम अफगानिस्तान में सालाना 42 अरब डॉलर खर्च कर रहे थे। इसके बारे में सोचें, 42 अरब डॉलर। मैं समझता हूं कि रूस अपनी पूरी सेना के लिए सालाना 50 अरब डॉलर खर्च करता है और हम अफगानिस्तान में 42 अरब डॉलर खर्च कर रहे थे। और बदले में हमें कुछ नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया और 31 अगस्त की तय डेडलाइन से पहले ही अमेरिका ने अपने सभी सैनिकों और नागरिकों को सुरक्षित वहां से निकाल लिया।