ताइपे। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार की रात ताइवान पहुंचीं। इसके साथ ही वे स्वशासित द्वीप का दौरा करने वाली अमेरिका की सर्वोच्च अधिकारी बन गई हैं। उनकी यात्रा से चीन भड़क गया है। चीन का कहना है कि वह ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्यास करेगा। चेतावनियों के बीच एक विमानवाहक पोत सहित 4 अमेरिकी युद्धपोतों को ताइवान के पूर्व में पानी में तैनात किया गया है।
पेलोसी की यात्रा से चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है। वह विदेशी अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करता है क्योंकि उसे लगता है कि यह द्वीपीय क्षेत्र को संप्रभु के रूप में मान्यता देने के समान है। चीन ने धमकी दी थी कि यदि पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि 'ताइवान मुद्दे पर वॉशिंगटन का विश्वासघात उसकी राष्ट्रीय विश्वसनीयता को नष्ट कर रहा है।' उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इसका अच्छा नतीजा नहीं होगा...अमेरिका के डराने-धमकाने वाले चेहरे ने इसे फिर से दुनिया की शांति के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में दिखाया है।
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US delegation visit honours commitment to Taiwan's democracy: Pelosi
— ANI Digital (@ani_digital) August 2, 2022
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पेलोसी और उनके प्रतिनिधिमंडल को ले जाने वाला विमान मंगलवार को एक संक्षिप्त पड़ाव के बाद मलेशिया से रवाना हुआ। मलेशिया में उन्होंने प्रधानमंत्री इस्माइल साबरी याकूब के साथ दोपहर का भोजन किया।
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में टिप्पणी करने से इंकार किया था कि क्या पेलोसी यात्रा करेंगी। यात्रा की आधिकारिक तौर पर समय से पहले घोषणा नहीं की गई थी। ताइपे में ग्रैंड हयात होटल के बाहर अवरोधक लगाए गए हैं, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच पेलोसी के रुकने की उम्मीद है। राजधानी में दो इमारतों पर एलईडी डिस्प्ले पर स्वागत शब्द लिखे गए हैं जिनमें प्रतिष्ठित ताइपे 101 इमारत भी शामिल है। स्वागत शब्दों में लिखा है कि ताइवान में आपका स्वागत है, स्पीकर पेलोसी।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को बीजिंग में संवाददाताओं से कहा कि "अमेरिका और ताइवान ने उकसावे के लिए मिलीभगत की है, और चीन को आत्मरक्षा में कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पेलोसी के ताइवान पहुंचने से कुछ समय पहले, चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि चीनी एसयू -35 लड़ाकू जेट ताइवान जलडमरूमध्य को 'पार' कर रहे हैं। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि ये विमान कहां जा रहे थे या उन्होंने क्या करने की योजना बनाई थी।
इस बीच, कुछ हैकर्स ने ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर एक साइबर हमला किया, जिससे यह मंगलवार शाम अस्थायी रूप से अनुपलब्ध हो गई। राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि हमले के तुरंत बाद वेबसाइट को बहाल कर दिया गया।
ताइवान के साथ खड़ा है अमेरिका : नैंसी पेलोसी ने एक ट्वीट में कहा कि हमारी यात्रा दोहराती है कि अमेरिका ताइवान के साथ खड़ा है: एक मजबूत, जीवंत लोकतंत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा महत्वपूर्ण साझेदार। अपने आगमन के तुरंत बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा : “ताइवान की हमारी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ताइवान के जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान करती है।
पेलोसी ने आगे कहा कि ताइवान नेतृत्व के साथ हमारी चर्चा हमारे साझेदार के लिए हमारे समर्थन की पुष्टि करती है और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने सहित हमारे साझा हितों को बढ़ावा देती है। अमेरिका से ताइवान में गत 25 वर्षों में यह पहला उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आया है। विशेष रूप से वह ताइवान में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं।
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