एलन मस्क ने आखिरकार 7 महीने बाद ट्विटर को 44 अरब डॉलर में टेकओवर कर लिया। खरीदारी होते ही 51 वर्षीय मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट के सीईओ पराग अग्रवाल, पॉलिसी हेड और लीगल मामलों की टॉप अफसर विजया गाड्डे को बर्खास्त कर दिया। मस्क ने कुल 4 टॉप एक्जीक्यूटिव्स निकाले जिसमें 2 भारतीय मूल के थे।
पराग अग्रवाल तो ज्यादा दिन सीईओ नहीं रहे, लेकिन गाड्डे काफी समय से ट्विटर के साथ थीं। उन्हें डोनाल्ड ट्रंप से पंगा लेने के कारण ट्विटर का सबसे ताकतवर कर्मचारी भी बताया जाता था। माना जा रहा है कि ट्विटर की पूर्व कानूनी प्रमुख विजया गाड्डे को करीब 17 मिलियन डॉलर बतौर हर्जाना मिलेगा।
विजया कंपनी की सबसे ताकतवर कर्मचारी थीं। वे कई मौकों पर ट्विटर से जुड़े विवादों के केंद्र में रहीं। 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सभी तरह के राजनीतिक विज्ञापन हटाने का फैसला विजया का ही था। इतना ही नहीं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट बंद करने का फैसला भी विजया गाड्डे ने लिया था।
लोगों ने तब माना था कि डार्सी मात्र कंपनी के पब्लिक फेस हैं लेकिन सारे महत्वपूर्ण निर्णय विजया लेती हैं। हालांकि मस्क ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है कि और कहा है कि 1 नवंबर से पहले और अधिक ट्विटर कर्मचारियों को निकाल देगा ताकि निकाल दिए गए कर्मचारियों को स्टॉक अनुदान का भुगतान न किया जा सके।
Edited by: Ravindra Gupta