कौन हैं जॉन ली जिसे चीन ने चुना अगला मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कैरी लैम की लेंगे जगह?

Webdunia
रविवार, 8 मई 2022 (13:38 IST)
हांगकांग, हांगकांग की चुनाव समिति ने रविवार को हुए चुनाव में जॉन ली को हांगकांग के अगले मुख्य कार्यकारी के रूप में चुना है। चुनाव समिति में करीब 1,500 सदस्य शामिल हैं, जिसमें से अधिकतर चीन समर्थक हैं।

ली को मुख्य कार्यकारी पद के चुनाव में 1,416 वोट मिले, जो जीत के लिए जरूरी 751 मतों से कहीं अधिक हैं। चुनाव समिति के 97 प्रतिशत से अधिक सदस्यों ने रविवार सुबह गुप्त मतदान में अपना वोट डाला।

जॉन ली इस चुनाव में शामिल एकमात्र उम्मीदवार थे। ऐसे में उनका चुनाव जीतना और हांगकांग का अगला मुख्य कार्यकारी बनना लगभग तय माना जा रहा था। ली एक जुलाई को मौजूदा नेता कैरी लैम की जगह लेंगे।
साल 2021 में हांगकांग के चुनावी कानूनों में बड़े बदलाव किए गए थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल बीजिंग के प्रति वफादार ‘देशभक्त’ को ही शहर की कमान मिले।

हांगकांग में विधायिका को भी पुनर्गठित किया गया था, ताकि विपक्ष की आवाज दबाई जा सके। रविवार सुबह एक स्थानीय कार्यकर्ता समूह ‘लीग ऑफ सोशल डेमोक्रेट्स’ के तीन सदस्यों ने सार्वभौमिक मताधिकार की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने चुनाव स्थल की तरफ मार्च करने का प्रयास कर चुनाव को लेकर विरोध भी जताया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Phangnon Konyak : कौन हैं फान्गॉन कोन्याक, जिन्होंने राहुल गांधी पर लगाए हैं गंभीर आरोप

आरबीआई की रिपोर्ट में राज्यों की मुफ्त योजनाओं को लेकर चेतावनी

भाजपा सांसदों का हेल्थ अपडेट, सारंगी सिर में टांके आए, राजपूत का BP हाई

Tata, Maruti, Hyundai की उड़ी नींद, किआ ने पेश की नई SUV, बेहतरीन फीचर्स के साथ मचाएगी धमाल

क्या रूस ने ढूंढ लिया है कैंसर का क्योर! जानिए वैक्सीन के दावे को लेकर क्या कहना है डॉक्टर का

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: ओम बिरला का सांसदों को निर्देश, संसद भवन के किसी द्वार पर प्रदर्शन नहीं कर सकते सांसद

दिल्ली में होगी पेड़ों की गिनती, SC ने दिया आदेश, इस समिति की मंजूरी के बिना नहीं होगी कटाई

MP में प्राइवेट स्कूल अब मनमाने तरीके से नही बढ़ा पाएंगे स्कूल फीस, विनियमन संशोधन विधेयक 2024 पारित

Kisan Andolan : किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी, अचानक हुए बेहोश

MP में मोहन यादव सरकार की ऐतिहासिक पहल, जनविश्वास विधेयक से पारदर्शिता एवं सुशासन की नई शुरूआत

अगला लेख