गौतम को दिखानी होगी 'गंभीरता'

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नई दिल्ली। लगातार हार झेल रही दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम को यदि अब आईपीएल-11 में वापसी करनी है तो उसके कप्तान गौतम गंभीर को अपनी फार्म में गंभीरता दिखानी होगी।


आठ साल बाद दिल्ली की टीम में लौटकर कप्तानी संभाल रहे गंभीर ने मौजूदा टूर्नामेंट में अब तक बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया है और वह छह मैचों में 17.00 के मामूली औसत से मात्र 85 रन बना पाए हैं। इसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 55 रन रहा है, जो उन्होंने पहले मैच में मोहाली में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ बनाया था।

आईपीएल में दो बार कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए विजेता कप्तान रह चुके गंभीर ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ जयपुर में दूसरे मैच में बल्लेबाजी नहीं की थी और इसके बाद अगले चार मैचों में उन्होने 15,8, 3 और 4 जैसे बेहद खराब स्कोर बनाए हैं।

कप्तान के इस तरह सस्ते में आउट होने का सीधा असर दिल्ली की बल्लेबाजी पर पड़ रहा है। दिल्ली के सामने कल अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला में पंजाब के 143 रन की चुनौती थी लेकिन गंभीर 13 गेंदों में चार रन बनाकर आउट हुए और दिल्ली आठ विकेट पर 139 रन बनाकर चार रन से यह मैच हार गई।

दिल्ली की छह मैचों में यह पांचवीं हार थी, जिससे उसकी प्लेऑफ की राह लगातार मुश्किल होती जा रही है। दिल्ली को यदि प्लेऑफ में पहुंचना है तो उसे अपने लगभग सभी शेष मैच जीतने होंगे।

36 वर्षीय गंभीर की बल्लेबाजी में गिरावट हैरान करने वाली है क्योंकि पिछले संस्करण में उन्होंने 16 मैचों में 498 रन बनाए थे और सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर के 641 रन के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे।

गंभीर ने 2016 के सत्र में 15 मैचों में 501 रन बनाए थे और सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में चौथे नंबर पर रहे थे। आईपीएल इतिहास में 4217 रन के साथ सर्वाधिक रन बनाने में चौथे स्थान पर मौजूद गंभीर अपनी निराशाजनक फार्म से दिल्ली की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं जबकि डेयरडेविल्स से उम्मीद थी कि उनके जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ को कप्तान बनाने से टीम का भाग्य बदलेगा। लेकिन न तो गंभीर रन बना पा रहे हैं और न ही वह टीम का मनोबल ऊंचा कर पा रहे हैं।

दिल्ली को आईपीएल-11 में जो एकमात्र जीत मिली है वह मुंबई इंडियन्स के खिलाफ जेसन रॉय की नाबाद 91 रन की पारी की बदौलत मिली है जबकि जयपुर में जब दिल्ली के सामने वर्षा बाधित मुकाबले में छह ओवर में 71 रन का लक्ष्य था तब गंभीर बल्लेबाजी में ही नहीं उतरे और डगआउट से बैठकर टीम को 10 रन से हारते हुए देखते रहे।

गंभीर ने अपनी टीम के कोच ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग के साथ सत्र शुरू होने से पहले वादा किया था कि वह इस बार दिल्ली का भाग्य बदलेंगे लेकिन दिल्ली की टीम जैसे अपना भाग्य बदलने को तैयार नहीं है।

दिल्ली ने आईपीएल के 10 वर्षों में 2008 और 2009 में सेमीफाइनल में तथा 2012 में प्लेऑफ में जगह बनाई थी। इन तीन वर्षों  को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली 2010 में पांचवें, 2011 में 10वें, 2013 में नौवें, 2014 में आठवें, 2015 में सातवें, 2016 में छठे और 2017 में छठे स्थान पर रही।

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