नई दिल्ली। भारत के डाटा केंद्र उद्योग का आकार करीब 5.6 अरब डॉलर मूल्य का है और वर्ष 2025 तक देशभर में 45 से अधिक नए केंद्र खोले जाएंगे। एनारॉक और बिनस्वेंगर की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में इस समय 138 डाटा केंद्र कार्य कर रहे हैं जो करीब 1.1 करोड़ वर्गफुट क्षेत्र में फैले हैं। इनकी 37 मेगावॉट की मौजूदा आईटी क्षमता का 57 प्रतिशत सिर्फ मुंबई और चेन्नई शहरों में ही है।
भारत में डाटा केंद्र विस्फोट पर एक नजर शीर्षक वाली रिपोर्ट कहती है कि अगले 3 साल में 1.3 करोड़ वर्ग फुट आकार और 1,105 मेगावॉट आईटी क्षमता वाले 45 डाटा केंद्र देश में और खुलने वाले हैं। महामारी के जोखिम के बीच मांग में बढ़ोतरी से इसे समर्थन मिल रहा है।
नए डाटा केंद्रों में स्थापित होने वाली कुल आईटी क्षमता का करीब 69 प्रतिशत मुंबई और चेन्नई में ही नजर आएगा। इस तरह 2025 के अंत तक भारत में कुल 183 डाटा केंद्र काम करने लगेंगे जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल करीब 2.4 करोड़ वर्गफुट और आईटी क्षमता 1,752 मेगावॉट की होगी।
दोनों सलाहकार फर्मों का मानना है कि भारत एक डाटा केंद्र क्रांति के करीब पहुंच चुका है। एक समय छोटा एवं बिखरा हुआ उद्योग रहा यह क्षेत्र बड़ी तेजी से एक विशाल एवं समेकित उद्योग की शक्ल अख्तियार करता जा रहा है।
एनारॉक कैपिटल के अध्यक्ष (औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक और डाटा सेंटर) देवी शंकर ने कहा कि भारतीय डाटा केंद्र उद्योग का मौजूदा आकार करीब 5.6 अरब डॉलर का है और इसका तेजी से बढ़ना तय है। महामारी की वजह से पैदा हुए हालात ने इस कारोबार को गति दी है।
बिनस्वेंगर के प्रबंध साझेदार जेफ बिनस्वेंगर का मानना है कि दुनिया खासकर एशिया-प्रशांत एवं भारत में डाटा केंद्र इस समय तमाम निर्णय-निर्माण प्रक्रिया का आधार-स्तंभ बने हुए हैं।