जम्मू। इस साल पहली बार अमरनाथ यात्रा 62 दिनों की होगी जिसके लिए आफलाइन और आनलाइन पंजीकरण आरंभ हो गया है। फिलहाल हेलिकाप्टर बुकिंग के लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं हुई है और न ही कोई टेंडर निकाला गया है। इतनी लंबी अमरनाथ यात्रा से यात्रा को सुरक्षा प्रदान करने वाले सुरक्षाधिकारी और लंगर लगाने वाली संस्थाएं नाखुश नजर आती है।
पूरे देश में अमरनाथ यात्रा के पंजीकरण के लिए करीब 542 बैंक शाखाओं में 17 अप्रैल से काम शुरू हो गया है। प्रदेश में भी दर्जनों बैंकों में बाबा के भक्तों की कतार लगने की उम्मीद है। फिलहाल यह तय नहीं है कि बैंकों में पंजीकरण कब तक चलता रहेगा क्योंकि श्राइन बोर्ड ने फिलहाल बैंकों का कोई कोटा निर्धारित तो नहीं किया है। पर इस बार 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को न्यौता दिया गया है।
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के बकौल, अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वालों को स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से फार्म के साथ लगाना होगा। प्रदेश में पंजीकरण करवाने वाले इसके लिए निर्धारित किए गए प्रदेश के 164 डाक्टरों की सेवाएं ले सकते हैं जिनको अमरनाथ यात्रा के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देने के लिए चुना गया है। इनमें 82 जम्मू संभाग में हैं और 82 ही कश्मीर संभाग में।
इतना जरूर है कि पहली बार अमरनाथ यात्रा को 62 दिनों तक लंबा चलाने के फैसले से कई पक्ष खुश नहीं है। इनमें खासकर वे सुरक्षाधिकारी, जिनके कांधों पर अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों की सुरक्षा का भार होता है और दूसरा लंगर लगाने वाले शामिल है।
दरअसल पिछले कई सालों से यह देखा गया है कि अमरनाथ यात्रा के प्रतीक पवित्र हिमलिंग के पिघलते ही यात्रा में शामिल होने वाले तलाशने पड़ते हैं और इस बार भी बरसात कम होने तथा गर्मी के यौवन पर रहने की भविष्यवाणियों के कारण आशंका जताई जा रही है कि पवित्र हिमलिंग समय से पहले पिघल सकता है।